जैसे जैसे 21 वी शताब्दी के अंदर पूर्ण रूप से हम लोग प्रवेश करते जा रहे हैं वैसे वैसे ही हमारे संस्कार ओर संस्कृति कि जगह आधुनिकता ने लेे ली हैं।आज के समय में श्रद्धा ओर अन्धविश्वास दोनो को एक ही पहलू में रखा जा रहा है जबकि ये दोनों अलग अलग हैं।
श्रृद्धा एक मन का विश्वास ओर आध्यात्म के प्रति निष्ठा हैं जबकि अन्धविश्वास बिल्कुल इसके विपरित हैं। अन्धविश्वास ने आज समाज पर अपनी पकड़ इतनी ज्यादा बना ली हैं कि इसको जड़ से समाप्त करने में कई साल लग जाएंगे। औरतों में अन्धविश्वास के अंदर गिरने का ज्यादा अनुमान रहता हैं । गांव देहात में आज भी कुछ ऐसे ढोंगी तांत्रिको का राज हैं जो इन नासमझ महिलाओं को अपने जाल में फंसाकर इनका घर बर्बाद कर देते हैं इनमें से कई तो देह शोषण की भी शिकार हो चुकी हैं। क्योंकि ये पाखंडी लोग इनको अपने जाल में फंसाकर इनसे अपना स्वार्थ निकाल कर इनकी ज़िन्दगी बर्बाद कर देते हैं। पिछले कुछ सालों में ऐसे ही कई ढोंगी बाबाओं की पोल कन्ही जनता ने तो कंही सरकार ने खोली हैं ओर जिससे आम जनता को एक बहुत बड़ा फायदा भी हुआ हैं। इनमे से राम रहीम ओर आसाराम जैसे बहुत से पाखंडी हैं अभी भी इनमे रामलाल जेसे कई अपराधी अपना कारोबार चला रहे हैं।
जब लोगो की श्रद्धा के साथ खिलवाड़ कर उससे कारोबार किया जाए तो वो अन्धविश्वास ही हैं, पता नहीं लोगो लो समझ में क्यो नहीं आता है कि ये बाबा वगेरह कोई भगवान नहीं हैं जो तुम्हे मनचाहा सबकुछ दिला सकते हैं आप आजकल किसी भी सरकारी बस में बैठ कर देख लो किसी ना किसी बस में आपको इन पाखंडी तांत्रिको के पर्चे मिल जाएंगे जिसमें ये दावा करते हैं कि मनचाहा वशीकरण, प्रेम प्राप्ति, कारोबार में बढ़ोतरी आदि।
इनके हाथ में इन में से कुछ भी करना नहीं हैं ये लोग बस किसी जगह से या किसी इनके जेसे ही दूसरे पाखंडी बाबाओं से थोड़ी तांत्रिक विधा सीख लेते हैं जिससे फिर ये जिंदगीभर लोगो को मूर्ख बना कर अपना कारोबार चलाते हैं। असल मायनों में तांत्रिक सिद्धियां हैं क्या इनको ये नहीं पता हैं ना ही ये लोग इसके प्रभाव को जानते हैं कई ऐसे बाबाओं कि मौत फिर रहस्यमय परिस्थितियों में ही होती है जिसका कोई आकलन भी नहीं कर सकता है। स्त्री वर्ग इन बाबाओं के चक्कर में ज्यादा पड़ता हैं जिससे कइयों ने तो अपने घर भी बर्बाद कर लिए हैं ओर कुछ अपनी इज्जत को दूसरों के हाथो से लुटवा कर उस परिस्थिति में हैं की ना तो किसी को कुछ कह सकती हैं ओर ना ही किसी को कुछ बता सकती हैं।
इन पाखंडियों के चक्कर में पड़ने से अच्छा हैं कोई वेद्ध शास्त्र पढ़ो ओर उनका अनुसरण करो जिससे आपको आपका मनवांछित फल शायद ऊपर वाला आपकी सेवा से प्रसन्न होकर दे भी दे ओर आपके लिए आपकी ज़िन्दगी के बाद का रास्ता ओर भी सुगम हो जाए।
ईश्वर हर जगह वाश करता है बस उसको पहचानने की देरी हैं आप अपनी भक्ति करो वो आपका ध्यान रखेगा।
श्रृद्धा से अपनी भक्ति पर अपना मन एकाग्रचित होकर लगाओ ओर ध्यान करो ईश्वर का योग करो वही ईश्वर को पाने का सबसे सही रास्ता हैं।
अब ये पवित्र श्रावण का महीना चल रहा है हो सके तो इसमें शिवलिंग का जलाभिषेक करे ईश्वर आपकी हर इच्छा पूरी करेगा परन्तु इन पाखंडियों से बचे ओर अपना सात्विक कर्म करते रहे।
जय महाकाल