Coronavirus
पिछले साल तक पूरी दुनिया अपना जीवन खुशी खुशी जी रही थी परंतु प्रकृति को हमने आधुनिकता के चक्कर में जो नुकसान दिया था, प्रकृति ने उसका बदला लेना हमसे पिछले साल ही शुरू किया। पिछले साल एक नया वायरस चलन में आया जिसने पूरी दुनिया की गति ही बिगाड़ दी। आज पूरी दुनिया इस वायरस से पीछा छुड़ाने के लिए हर प्रयत्न कर रही है परंतु अभी तक पूर्ण रूप से किसी को सफलता नहीं मिली है कुछ दार्शनिकों का मानना है की यह एक जैविक युद्ध हैं जो विषाणुओं के दम पर लड़ा जा रहा हैं।
Corona Ka Janm Khna Hua Tha??
इस वायरस का जन्म चीन के वुहान शहर में हुआ था जो आज वुहान शहर से निकलकर पूरे संसार में अपना प्रकोप दिखा रहा है। इस वायरस ने बड़े-बड़े विकसित देशों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। प्रकृति ने हमारे द्वारा किए गए प्रकृति के नुकसान की भरपाई के लिए यह वार हम पर किया है, यह मान लेने में ही अब हमारी भलाई है अगर हम प्रकृति को प्रेम करेंगे तो वह हमें प्रत्युत्तर में हमसे ज्यादा प्रेम प्रदर्शित करेगी प्रकृति का तो अर्थ ही प्रेम है।
पिछले साल कोरोना की पहली लहर ने संसार के लगभग हर एक देश को चुनौतियां पेश कर दी थी जिनसे निपटने में आज तक परेशानी हो रही है पहली लहर के खत्म होने के बाद में हम थोड़ा निष्फिक्र गए थे। सामाजिक दूरी की पालना करना और मास्क लगाना भी हम पूरी तरह भूल चुके थे। जिसे कोरोना की दूसरी लहर ने और ज्यादा प्रभाव से आकर हमें उसके अस्तित्व का एहसास करवाया।
Corona Ki Dusri Lahar Kya Hain??
कोरोना की दूसरी लहर ने एक तरह से हमारे देश में मौत का तांडव मचा दिया था जो कुछ हद तक अभी कुछ समय से थोड़ा नियंत्रण में आया है। अस्पतालों में एक ही परिवार के दो से तीन पीढ़ियों के लोग इस वायरस की चपेट में आने के कारण भर्ती हुए थे, जिनमें से आज काफी लोगों ने अपनी जान गवा दी है।
Dirty Politics In Covid19 Period
इस महामारी के इस दौर में भी कुछ राजनेताओं और कुछ वामपंथियों को बस अपनी राजनीति ही दिखती है, यह नहीं कि इस संकट के समय में सरकार के साथ मिलकर काम करें और देश को इस संकट से उबारने में उनकी सहायता करें। अगर वामपंथी और विपक्ष यह काम करते तो लोगों की नजरों में उनकी इज्जत बढ़ जाती और हो सकता है आगे आने वाले समय में उनको जनता मौका देती सरकार में आने का,
परंतु इन लोगों ने जनता की भलाई से ज्यादा जनता को गुमराह करके भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचाना आसान समझा और इन्होंने वह किया।
एक तरफ इस महामारी में जहां परिवार के परिवार उजड़ रहे थे तो दूसरी तरफ एक वर्ग ऐसा भी था जो देश की छवि को निरंतर धूमिल करने के लिए प्रयत्न कर रहा था और इसके लिए उसने हर एक गलत काम किया, गलत लोगों से संपर्क किया और भारत और भारत की सरकार और व्यवस्थाओं के बारे में गलत प्रचार किया मार्च तक भारत के अंदर यह महामारी पूर्णतया नियंत्रण में थी परंतु अप्रैल अपने साथ इस महामारी की दूसरी लहर को भी लेकर आया जिसने आज पूरे देश में तबाही मचा रखी है।
Congress Tool Kit
अभी हाल ही में नेशनल मीडिया में एक मामले ने तूल पकड़ा हुआ है जो भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी से संबंधित है आरोप है कि इन लोगों ने महामारी के अंदर भी एक पूर्ण प्रायोजित योजना के साथ देश में अस्पतालों और वैक्सीन व ऑक्सीजन और अस्पतालों में उपलब्ध बेड के संबंध में गलत अफवाह फैला कर जनता में निराशा का भाव जगाया।
देश एक तरफ इस महामारी से लड़ने में व्यस्त था तो दूसरी तरफ इस देश के कुछ जिम्मेदार लोगों को इन वामपंथियों और राजनीतिज्ञों से लड़ना था। कांग्रेस का एक टूल किट अभी वायरल हुआ था। जिसमें इस महामारी के समय में देश के अंदर गलत संदेश फैलाने के लिए पूरी योजना तैयार की गई थी कि
– कैसे अस्पतालों में बेड पहले से बुक करके रखने हैं ताकि देश में कॉविड के कैसे ज्यादा दिखे और जनता में भाग दौड़ मच जाए और वर्तमान सरकार के प्रति उनके विचार बदले। अप्रैल के महीने और मई के महीने में हालात कुछ ऐसे हो गए थे की ऑक्सीजन की कमी से अस्पतालों में निरंतर मौते हो रही थी। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों का जिम्मेदार इन वामपंथियों और राजनीतिक गिद्धों को भी ठहराया जाना चाहिए क्योंकि इन लोगों के अस्पतालों में एडवांस में बेड बुक करने के कारण जो वास्तविक कोरोना संक्रमित मरीज थे उनको समय पर इलाज नहीं मिल पाया और न ही उनको समय पर ऑक्सीजन की पूर्ति हो पाई, जिसके कारण देश के एक बहुत बड़े वर्ग ने अपनी जान गवा दी।
कांग्रेस के इस टूल किट में यह भी वर्णित है की
– इस वायरस को चाइनीज वायरस ना कहकर मोदी वायरस कहा जाए
आखिर यह लोग साबित क्या करना चाहते हैं??
क्या इससे यह सरकार बना सकते हैं??
नहीं, कभी नहीं क्योंकि देश की आम जनता अब जागरूक हो चुकी है और वह सही और गलत का निर्णय लेना जानती है। इन वामपंथियों ने सोशल मीडिया और आम जनता में भी अपने एजेंट छोड़ रखे हैं जो बस एक ही काम के लिए हैं कि किसी भी तरीके से सरकार में कमी निकालें अगर आपको याद हो तो मई के पहले एक-दो सप्ताह में देश की राजधानी दिल्ली के अंदर हालात बहुत ही नाजुक थे ऑक्सीजन की बहुत ही कमी थी, निरंतर ऑक्सीजन की कमी से मृत्यु हो रही थी और दिल्ली सरकार केंद्र सरकार पर आरोप थोपने के अलावा कोई अन्य काम नहीं कर रही थी परंतु जब केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा ऑक्सीजन वितरण और अस्पतालों की व्यवस्था में पूर्ण निगरानी के लिए एक ऑडिट करवाने के लिए प्रस्ताव दिया और जब ऑडिट करने वाली टीम ने अपना कार्य करना शुरू किया तो अगले 3 ही दिन में पूरे देश के अंदर ऑक्सीजन की कमी भी नियंत्रण में आ गई।
Hospital’s Me Oxygen Or Bed Ki Shortage Kyo Huyi??
अस्पतालों में मरीजों को बेड भी मिलने लगे और मरीजों का तुरंत इलाज भी होने लगा क्योंकि लाखों बेड ऐसे थे जो राजनेताओं ने केंद्र सरकार और स्वास्थ्य विभाग को बदनाम कराने के लिए अपनी पहुंच के चलते पहले से बुक करा रखे थे और उनमें अपने आदमियों को बिठा रखा था ताकि किसी और को वह बेड नहीं मिल सके और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भारत की छवि और बेकार दिखे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से रोजाना 700 मेट्रिक टन से ऊपर ऑक्सीजन की मांग केवल दिल्ली के लिए रखी थी सरकार हर एक राज्य को उनकी आवश्यकता अनुसार आपूर्ति भी कर रही थी चाहे वह दबाव की हो या फिर ऑक्सीजन सिलेंडर की हो भारत सरकार ने विदेशों से भी ऑक्सीजन मंगवाई थी परंतु जब ऑडिट करने के लिए टीम ने अपना कार्य करना शुरू किया तब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक बयान दिया की उनको जरूरत तो लगभग 500 मेट्रिक टन दैनिक थी परंतु अन्य राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति देने के लिए वह लोग लगभग 700 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग कर रहे थे। क्योंकि उन्हें बाकी की ऑक्सीजन अन्य राज्यों को देनी थी।
क्या दिल्ली सरकार केंद्र सरकार से ऊपर है??
जो वह अन्य राज्यों की जिम्मेदारी खुद लेगी, नहीं
यह सब एक खेल था केंद्र सरकार का नाम बदनाम करने के लिए क्योंकि वर्तमान सरकार ने बहुत नियंत्रण किया है।
इस कोरोना महामारी के समय में भी आप लोग अंदाजा लगा सकते हैं अगर यह महामारी कांग्रेस सरकार के समय में आती तो ना तो हमें अब तक वैक्सीन मिल पाती और ना ही देश इतने मजबूत हालात में होता कि इतने कम समय में वापस हालातों पर नियंत्रण पा लेता भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए कांग्रेसी टूल किट एक पूर्ण प्रायोजित योजना थी जिसके अंदर साफ-साफ लिखा हुआ है कि मोदी सरकार की छवि धूमिल करना ही उनके कार्यकर्ताओं और इस टूल किट का कार्य है कुछ वामपंथी पत्रकार मीडिया के अंदर आकर बार-बार अपने इंटरव्यू देकर यह जताते थे कि भारत इस समय पर बहुत ही दयनीय हालत में है और इनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं इस पूरे कोरोना वायरस की दूसरी लहर के लिए मोदी जी को पूर्णतया जिम्मेदार ठहराने के लिए इन लोगों ने कोई कमी नहीं छोड़ी परंतु जनता सब जानती है जो लोग खुद कुछ नहीं कर सकते वह दूसरों पर झूठे इल्जाम लगाने के अलावा कुछ कर भी नहीं सकते देश में जो होता है उसे देखने के लिए आपको जमीनी हकीकत से वाकिफ होना पड़ेगा ना कि मीडिया से जानकारी प्राप्त करके।
Corona Ki Dusri Lahar Kab Tak Rahegi
अक्सर आप में से भी कुछ लोगों के मन में यह सवाल उठता ही होगा कि आखिर
“कोरोना की यह दूसरी लहर कब खत्म होगी??”
और इसका प्रभाव कब तक रहेगा??
कोरोना की दूसरी लहर ने हमारे देश के अंदर अप्रैल से तबाही मचानी शुरू की थी जो अब जाकर के नियंत्रण में आई है, क्योंकि ताजा हालातों में देश में अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की आपूर्ति के लिए एक ऑडिट टीम गठित की गई है जिसका कार्य यह है कि,
किस राज्य के अंदर किस जगह के ऊपर किस चीज की कितनी आवश्यकता है??
और वहां पर वह उपलब्ध है या नहीं??
आप मानो या ना मानो आप चाहे केंद्र सरकार के समर्थक हो या समर्थक नहीं हो परंतु आपको यह मानना ही पड़ेगा कि हमारी वर्तमान सरकार ने हालातों पर समय रहते नियंत्रण पा लिया है। विदेशों से ऑक्सीजन मंगवाने पर कुछ वामपंथियों और कुछ अन्य विपक्षी राजनेताओं ने केंद्र सरकार को घेरने की हरदम कोशिश की परंतु केंद्र सरकार ने इनकी फालतू बातों पर ध्यान ना देते हुए देश की आम जनता की सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता समझा और उसके ऊपर काम किया और उसी का नतीजा है कि आज हम कोरोना की दूसरी लहर से लगभग पार पा चुके हैं अभी हमें कोरोना से लड़ाई और लड़नी है अगर हम साथ रहेंगे मजबूत रहेंगे तो तीसरी लहर को भी समय रहते हरा देंगे।
Corona Ki Dusri Lahar Se Kese Bache??
कोरोना की दूसरी लहर से बचने का एक ही तरीका है और वह है सावधानी अपना इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत बनाए रखें अपने खान-पान का ध्यान रखें और अपने परिवार का भी ध्यान रखें निरंतर बार बार दिन में हाथ धोते रहें और सैनिटाइजर का भी इस्तेमाल करते रहें। अस्पतालों में बिना जानकारी के जाना भी आज के समय में मौत को बुलावा देना है, क्योंकि अस्पतालों में इस समय पर भगवान से ज्यादा शैतान बैठे हैं। जिन्हें किसी की भी जिंदगी से कोई मतलब नहीं है यह अपने निजी स्वार्थ के लिए किसी के भी प्राणों को संकट में डाल सकते हैं और हजारों लोगों की जान इन लोगों ने ऐसे ही ली है।
जब देश में मेडिकल इंडस्ट्री के उद्योगपतियों और दुकानदारों से सहयोग की उम्मीद थी उसी समय के ऊपर इन लोगों ने धोखा दे दिया और हर एक चीज, हर एक उपकरण चाहे वह ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हो या फिर रिमेडिस्विर जैसे इंजेक्शन। जिन वस्तुओं के मूल्य ₹100 हुआ करते थे वह इस महामारी के अंदर आवश्यकता के समय में ₹100 से बढ़कर हजारों या लाखों में हो चुके हैं मेडिकल माफिया ने इस महामारी से जितना पैसा कमाया है इतना तो कोई देश हथियारों का कारोबार करके भी नहीं कमा पाए।
कोरोना की दवा केवल वैक्सीन है और वैक्सीन
Corona Ki Dawa Kya Hain??
के फायदे हमने कोरोना की दूसरी लहर में देखे भी हैं जिन लोगों ने कोरोना की वैक्सीन के दोनों डोज लगवा रखे थे उन लोगों को बाकी मरीजों से ज्यादा जल्दी कोरोना को हराने में सफलता हाथ लगी कोरोना की दूसरी लहर में इस वायरस का एक नया म्युटेंट सामने आया था जो इंसानी शरीर के फेफड़ों पर एक मकड़ी के जाले की तरह संरचना बना देता था।
जिससे फेफड़े पंप करना बंद कर देते थे और इसी कंडीशन को मेडिकल में ह्रदय गति रुक जाना भी कहते हैं। आप खुद रिकॉर्ड चेक कर सकते हैं कोरोना की दूसरी लहर में ज्यादातर मौतें हार्ट अटैक से हुई है और इसका कारण स्टेरॉइड और अन्य दवाइयां भी हैं जो बिना पूरी जांच किए हुए मरीजों को दी गई थी। इन्ही दवाइयों के साइड इफेक्ट आज ब्लैक फंगस के रूप में नई बीमारी के रूप में सामने आया है। जिन लोगों ने कोरोना को तो मात दे दी थी परंतु स्टेरॉइड्स और अन्य दवाइयां जिनमें ऐसे ही गुण थे वह लेने के कारण उनके साइड इफेक्ट से अब यह ब्लैक फंगस उन लोगों को जिंदगी से दूर कर रही है। कुछ राज्यों में तो ब्लैक फंगस को महामारी भी घोषित किया जा चुका है कुछ मरीज ऐसे हैं जिनकी ब्लैक फंगस के कारण शरीर के अंग निकालने पड़े हैं जैसे की आंख।
संसार के कुछ देशों में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया लगभग संपूर्ण हो चुकी है। जिसके बाद उन देशों में आम जीवन पहले की तरह सामान्य हो चुका है परंतु भारत में अभी तक वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाई है। जिसके कारण हालात सामान्य होने में थोड़ा समय और लग सकता है और ऊपर से अभी तीसरी लहर के आने के संकेत और भी है तो हमें तीसरी नहर से बचने के लिए भी तैयारी पहले से ही करनी पड़ेगी।
हम पहले की तरह इस बार भी लापरवाही नहीं कर सकते।
Vaccine Par Politics
कुछ वामपंथी विचारधारा वाले लोग वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पर भी सवाल उठा रहे हैं उनका कहना है कि मोदी ने वैक्सीन पहले विदेशों में क्यों भेजी पहले देश में क्यों नहीं लगवाई अरे भाई दिमाग है या गोबर?? वैक्सीन को स्टोर करने के लिए भी एक समय सीमा होती है अगर आप लोगों को याद हो तो जब कोरोना वैक्सीन बनकर तैयार हुई थी और सरकार ने वैक्सीन लगवाने की प्रक्रिया शुरू ही की थी तो विपक्ष और वामपंथी सक्रिय हो गए थे पूर्ण रूप से कि किसी भी तरीके से इस वैक्सीन का विरोध करना जरूरी है, क्योंकि उनको तो मोदी का विरोध करना था।
उन्हें देश की आम जनता से कोई मतलब नहीं था उन लोगों ने वैक्सीन को लेकर कई गलत अफवाह निकाली जैसे वैक्सीन लगवाने से आप नपुंसक बन जाएंगे या फिर कोई और अन्य बीमारी हो जाएगी भारत में आज भी एक बहुत बड़ा तबका ऐसा है जो शिक्षित नहीं है या शिक्षित होने के बाद भी अशिक्षित की तरह व्यवहार करता है लोगों ने इन दोगले राजनेताओं के चक्कर में वैक्सीन नहीं लगवाई और जितने वैक्सीन का निर्माण हो चुका था उनकी समय सीमा लगभग समाप्त होने वाली थी।
भारत सरकार ने वैक्सीन के खराब होने से बेहतर उसे अन्य देशों को उपहार स्वरूप देना उचित समझा और उन्होंने वैक्सीन के जो डोज बचे हुए बेकार हो रहे थे उनको समय सीमा रहते विदेशों में भेज दिया और आज वही डोज लगवा कर कई देशों ने अपने आम जीवन को सामान्य कर लिया है। परंतु हमारे भारत में इन वामपंथियों की दोगलापंती की वजह से अभी तक वैक्सीनेशन भी पूर्ण तरीके से नहीं हो पाया है पहले सवाल उठाते हो फिर आप उत्तर भी उन्हीं से चाहते हो जो हालात आपने खुद पैदा किए हैं।
एक मोदी जी का विरोध करने के चक्कर में आप कब देश विरोधी हो गए खुद को ही पता नहीं चला इतनी भी क्या गंदी राजनीति है भाई।
कोरोना की दूसरी लहर लगभग समाप्ति की ओर है परंतु तीसरी लहर के आने का भय अभी भी बना हुआ है और हमें उससे निपटने के लिए पहले से तैयारी करनी पड़ेगी। असावधानी रखोगे तो उसके परिणाम तो भुगतने पड़ेंगे ही इससे अच्छा है अपना और अपने परिवार का ध्यान रखें।
मेरी आपसे यही विनती है बिना काम के घर से बाहर नहीं जाए और अगर किसी कार्य से आपको जाना भी पड़ता है तो मास्क लगाकर घर से बाहर निकले और सामाजिक दूरी का निरंतर पालन करते रहें एवं अपने हाथ बार-बार साबुन से धोते रहें।
जितनी जल्दी आपको वैक्सीन लगवाने के लिए स्लॉट मिल जाए उतनी जल्दी वैक्सीन लगवा लीजिए क्योंकि यही आपके जीवन को बचाने का एकमात्र तरीका है अगर हम वैक्सीन के दोनों डोज समय से लगवा लेते हैं तो हम इस महामारी से जल्द ही निजात पा लेंगे और ईश्वर से भी यही कामना है कि वह हमें इतनी शक्ति दे कि हम जितना जल्दी हो सके इस संकट से निपटें और अपने सामान्य जीवन की ओर वापस लौटे।
ऐसे ही और लेख के लिए हमारे सोशल मीडिया पर हमसे जुड़े।
जय हिंद जय भारत🇮🇳
राम राम जी 🙏🙏
धन्यवाद🙏🙏