भारतवर्ष में आज इस कोरोना महामारी ने हाहाकार मचा रखा हैं, सरकार इससे लड़ने के सारे रास्ते खोज रही हैं, जल्दी ही इसके लिए कोई दवाई तैयार कर ली जाएगी ओर ये समय भी गुजर जाएगा। सोचने वाली बात यह है कि इस महामारी के समय भू कुछ नीच मानसिकता वाले लोग सरकार ओर उसके निर्णय का विरोध करना ही अपना परम अधिकार समझ रहे हैं ओर ये वो कुछ लोग हैं जिन्होंने अपना सर्वेसर्वा केवल एक परिवार को ही बना रखा है ये लोग इस भारतवर्ष को बस उस एक परिवार की जागीर समझते हैं बस। अभी कुछ समय पहले कांग्रेस के एक बड़े नेता ने बयान दिया कि सोनिया गांधी देश की माता हैं ओर ये कुछ अन्य कांग्रेसी नेता उसकी तुलना माता सीता से कर रहे हैं, उन लोगो से बस एक सवाल हैं मेरा की ” तुम सारे लोग तब कहां मर गए थे जब इसी कांग्रेस सरकार ओर तुम्हारी इसी राजमाता ने रामायण को काल्पनिक करार दिया था ओर बाकायदा इसके लिए कोर्ट में केस चला था। कम से कम अपनी खुद कि बात पर तो कायम रहना सीख लो पहले ये इस देश का दुर्भाग्य हैं कि यहां पर आज भी कुछ ऐसे लोग रहते हैं जो रहते इस देश में हैं खाते इस देश का हैं पर गुण किसी ओर का गाते हैं। राजस्थानी में एक कहावत है कि “खाए खसम का ओर गाए बीरों का”
रामायण का राजनीतिकरण
ये रामायण ओर माता सीता का अपमान नहीं हैं तो ओर क्या हैं??
कहते हैं ये लोग को उस समय राक्षस माता सीता का अपमान करते थे ओर अब भारत में इनकी माता सोनिया का अपमान हो रहा है?? अब जनता जागरूक हो गई हैं तो तुम लोग इतना पागल क्यो हो गए हो?? सोनिया गांधी की तुलना माता सीता से करना मन को आहत करता हैं । इस देश में केसे लोग पैदा हो गए हैं अब अगर इनके खिलाफ कोई पत्रकार बोलता है तो उस पर कैस कर दिया जाता है परन्तु अगर ये लोग किसी का अपमान करे तो उस पर कुछ नहीं ये कैसी ओछी राजनीति हैं क्या ये देश केवल एक परिवार की जागीर हैं, आप लोगो को बता दू की ये एक लोकतांत्रिक देश हैं ओर ये पूरे संसार का सबसे बड़ा लोकतंत्र हैं।माता सीता का अपमान अब इस देश का हिन्दू नहीं सहन करेगा।
एक पुराने केस का जिक्र करना चाहूंगा जब राजीव गांधी की हत्या हो गई थी ओर उनका शव जब टुकड़ों में बिखर गया था तब प्रशासन ने सोनिया गांधी से उनके बच्चों का DNA सैंपल मांगा था, तब आपकी इस राजमाता ने अपने बच्चो का सैंपल देने से मना कर दिया था उसका क्या कारण रहा होगा?? रामायण का इस्तेमाल ये लोग अपनी राजनीति के लिए करने लगे हैं अब कभी कहते हैं कि वो चरसी बाबा राहुल गांधी भगवान राम हैं कलयुग का तो कभी कहते हैं कि सोनिया गांधी ना सीता हैं अरे पहले रिश्तों का तो देख लो भाई। रामायण की एक नाखून के बराबर भी नहीं हैं ये परिवार इन्हीं के परिवार का एक इंसान ओर इस देश का पहला प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू कहता था कि वो दुर्भाग्य से हिन्दू हैं, ओर आज ये लोग उसी हिन्दू धर्म का उपयोग अपनी खुद कि राजनीति के लिए कर रहे हैं। अब क्या हो गया ?? राजनीति के लिए ये लोग रुद्राक्ष पहन लेते हैं मंदिरों में जाते हैं परन्तु अपने जन्म प्रमाण पत्र को केसे दबा दोगे जो तुम्हारी राजमाता ने इटली में भेजा था क्योंकि इटली का नियम है कि अगर वहां कें नागरिक के कोई बच्चे होते हैं तो वो चाहे किसी भी देश के निवासी हो वर्तमान में उनको उनका जन्म प्रमाणपत्र ओर धर्म इटली भेजना पड़ता है ओर सोनिया गांधी ने अपने दोनो बच्चो का धर्म उसमे इसाई बताया हैं। कम से कम अपनी राजमाता की बात का तो आदर करो।
जय हिन्द जय भारत
अज्ञात की कलम से ।