कैलाश पर्वत का रहस्य क्या हैं??/Hindi/Mountain Kailash/#sanataniindian

सनातन धर्म अपनी सौम्यता और परोपकार के संदेशों के साथ पूरे संसार में जीवन के प्रारंभ से अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं। सनातन धर्म के अंदर महाकाल भगवान शिव और उनके निवास स्थान कैलाश पर्वत को लेकर आज भी एक रहस्य बना हुआ हैं।

पुरातन काल से लोग भगवान महादेव के निवास स्थान कैलाश पर्वत को लेकर अलग अलग मत देते आ रहे हैं।
हम भारत में रहने वाले और पूरे संसार में रहने वाले सनातनी हिंदू कैलाश पर्वत को हमेशा से ही भगवान शिव के निवास स्थान मानते आए हैं।पुरातन हिंदू धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों में भी कैलाश को भगवान शिव का निवास स्थान ही बताया गया हैं।

Kya Hai Kailash Parvat Ka Rahasya??

कैलाश पर्वत हमेशा से ही एक रहस्यमई स्थान रहा हैं। समय समय पर विश्व भर के वैज्ञानिकों ने इस पर शोध किए और अपने विचार रखे इसके बारे में परंतु आज तक कोई भी वैज्ञानिक या तकनीक इस कैलाश पर्वत का रहस्य नही सुलझा पाई हैं।
NASA जेसी कई एजेंसियों ने इस पर्वत पर रिसर्च की हैं और इसके बारे में अपने मत प्रकट किए हैं। NASA ये तो नही कहता को उसने भगवान शिव को कैलाश पर्वत के ऊपर देखा है परंतु उनका मानना हैं को ये स्थान रहस्य से भरा पड़ा हैं। यहां कई पवित्र शक्तियां वास करती हैं।
रूसी वैज्ञानिकों ने भी कैलाश पर्वत के बारे में कुछ ऐसी ही रिपोर्ट पेश की हैं।
कैलाश पर्वत के बारे में रूसी वैज्ञानिकों का मानना हैं की कैलाश पर्वत कुछ अलौकिक शक्तियों का केंद्र हो सकता हैं।
उनके अनुसार कैलाश पर्वत की भौगोलिक स्तिथि कुछ इस प्रकार हैं की इस पर्वत पर आकर चारो दिसाये मिल जाती हैं। 
रूसी वैज्ञानिकों विज्ञान को भाषा में इसे एक्सिस मुंडी(Axis Mundi) नाम दिया और इसे धरती का सबसे शक्तिशाली स्थान माना। उनका मानना हैं की इस स्थान पर दिव्य शक्तियों या फिर परग्रही जीवों से आसानी से संपर्क किया जा सकता हैं।

Kya Aaj Tak Koi Kailash Parvat Ke Shikhar Tak Pahunch Paya Hai??

भारतीयों का मानना हैं की कैलाश पर्वत को कोई लांघ नही सकता या उस पर कोई चढ़ नही सकता। कैलाश पर्वत पर आज तक कोई भी पर्वतारोही नही चढ़ पाया हैं, कोशिश तो बहुत से लोगो ने की हैं परंतु आज तक सफलता किसी के भी हाथ नही लगी हैं।
कैलाश पर्वत के ऊपर चढ़ाई का प्रयत्न करने वालो से जब बातचीत की गई तो पता चला कि इस पर्वत के ऊपर जब आप चढ़ने कि कोशिश करते हैं तो अचानक से मौसम खराब हो जाता हैं। ऑक्सीजन का स्तर नीचे गिरता जाता हैं, और बर्फीले तूफान आपको अपने मार्ग से भटका देते हैं।
11 वी शताब्दी में तिब्बत में एक योगी हुआ करते थे मिलारेपी, उन्होंने दावा किया था की वो इसके शिखर तक जा के आया हैं परंतु अपनी इस बात को वो साबित नही कर पाए। इसलिए ये भी आज तक रहस्य ही बना हुआ है को क्या वो कैलाश पर्वत के ऊपर शिखर तक पहुंच भी पाए थे या फिर वो कुछ बताना नही चाहते थें।
Kailash Parvat Par Bani Jhile(Lake’s?)
कैलाश पर्वत के ऊपर और उसके आस पास कुछ झील बनी हुई हैं, लोगो का मानना हैं की ये झीलें भी अपने आप में रहस्य से भरी पड़ी हैं। कैलाश पर्वत के पास में ही एक झील हैं जिसे शेष झील भी कहा जाता हैं, लोगो का मानना हैं कि इस झील में एक विशालकाय सांप रहता हैं जिसके कई फन हैं। 
कुछ लोगो ने तो इस झील में शेषनाग जी को देखने का दावा भी किया हैं, कुछ वीडीयो और फोटोज भी वायरल हुए यह ने पर इस झील के जिसमे एक सांप जेसी आकृति झील के पानी में तैरती हुई नजर आती हैं।
कैलाश पर्वत के ऊपर बनी 2 झील का रहस्य
कैलाश पर्वत के ऊपर 2 झील बनी हुई हैं जिसमें से एक तो साफ और पवित्र जल से भरी हुई हैं ओर इस झील का आकार सूर्य के समान बताया गया हैं।
दूसरी झील में पानी गंदा और अपवित्र होता हैं। इस झील का आकार चंद्रमा के आकार के जैसा हैं।
क्या ये दोनो झीलें प्राकृतिक हैं या फिर किसी ने इन्हे बनाया था??
इन दोनो झीलों के बनने के बारे में कोई नही जान पाया हैं। इनका आकार हुबहू सूर्य और चंद्रमा के जैसे ही क्यों हैं?? क्या किसी ने इन्हे सोच समझ कर बनाया था।
सनातन धर्म का ज्ञान रखने वाले ज्ञानी पंडितो और साधुओं की माने तो इस पर्वत शिखर पर चढ़ाई करना बिल्कुल नामुमकिन है आज तक जिस इंसान ने कैलाश पर्वत के ऊपर चढ़ने की कोशिश की है, उसको थोड़ी सी ही दूरी पर ऑक्सीजन की कमी और अपने शरीर में कमजोरियां महसूस होती है और बर्फीले तूफान रास्ता रोक लेता है जिसके बाद हर एक पर्वतारोही इस पर्वत के ऊपर फतह हासिल करने से पहले ही पराजित हो जाता है।
 कैलाश पर्वत सदियों से एक रहस्य के घेरे में रहा है। पौराणिक हिंदू ग्रंथों की मानें तो कैलाश पर्वत से ही देवताओं के राजा इंद्र का राज्य स्वर्ग शुरू होता है या फिर स्वर्ग तक जाने का रास्ता इसी पर्वत से शुरू होता है। विदेशी शोधकर्ता इस पर्वत के ऊपर अत्याधुनिक मशीनों से खूब छानबीन कर चुके  है परंतु आज तक इसका रहस्य सुलझा नहीं पाए। अमेरिका के  यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विश्व की ऐसी ही रहस्यमई जगह पर जाकर उनकी छानबीन करने है और उनके ऊपर लेख लिखते हैं। 

Kya Kailash Parvat Manav Nirmit Hain??

अमेरिका के एक शोध संस्थान के  प्रोफेसर ने कैलाश पर्वत के ऊपर भी छानबीन की है उनके द्वारा अत्याधुनिक कैमरा और मशीनों से कुछ फोटोग्राफ लिए गए है। इन फोटोज से  यह साबित किया गया है कि कैलाश पर्वत के निर्माण में प्रकृति का हाथ नहीं है।
 यह पर्वत प्राकृतिक नहीं है जबकि इसको बनाया गया है कुछ कुशल कारीगरों के द्वारा और यह बात एक अमेरिकी यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर ही नहीं दुनिया के कई और शोध संस्थानों के वैज्ञानिकों का भी निष्कर्ष यही निकलता है।
 इस पर्वत को लेकर।

यह पर्वत हिमालय की बाकी पर्वत मालाओं की तरह धरती के अंदर से नहीं निकला है जबकि इसको अलग से कारीगरों के द्वारा बनाया गया है।

Kailash Parvat Ke Upar Bani Murtiyo Ka Rashaya Kya Hai??

अमेरिकी प्रोफेसर द्वारा ली गई कुछ फोटोग्राफ्स में साफ-साफ देखा जा सकता है कि कैलाश पर्वत के कुछ हिस्सों में मानव आकार की मूर्तियां है जिनकी ऊंचाई आज संसार की सबसे बड़ी मूर्ति सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की मूर्ति से भी बड़ी है।
  यह मूर्तियां काफी संख्या में है और इनको अत्याधुनिक कैमरा के द्वारा फोटो फ्रेम में क्लिक किया जा सकता है। जमीन के हजारों फुट ऊपर बनाई गई इन कलाकृतियों के आगे आज के आर्कियोलॉजिस्ट और इंजीनियर भी फेल हैं।
विश्व के कई धर्म वो उनको मानने वाले अनुयाई कैलाश पर्वत को पवित्र स्थल के रूप में मान्यता देते हैं। यह पर्वत पूर्णतया अलौकिक शक्तियों से आरूढ़ रहता हैं। पूरे संसार से कई शोधकर्ता इस अतिविशिष्ठ पर्वत के ऊपर शोध कर चुके हैं परंतु कोई भी आज तक इसका रहस्य नही सुलझा पाया हैं।
आज से कुछ सालो पहले तक इस पर्वत पर चढ़ने के लिए पर्वतारोहियों को अनुमति तो मिल जाती थी परंतु कोई भी पर्वतारोही आज तक के इतिहास में इस पर्वत पर नही चढ़ पाया हैं इसके प्रमाणिक सबूत हैं।
भारत और संसार के कोने कोने में रहने वाले हिंदुओ के लिए यह पर्वत अतिविशिष्ट स्थान रखता हैं। शैव परंपरा का पालन करने वाले साधुओं और महादेव को इष्ट मानने वाले भक्तो के अलावा भी समस्त सनातनी इस पर्वत को आध्यात्मिक रूप से अति महत्वपूर्ण मानते हैं। 
पुरातन कथानको के अनुसार कैलाश पर्वत से स्वर्ग तक जाने का रास्ता हैं। आज से कुछ सालो पहले चीन सरकार ने इस पर्वत पर चढ़ाई करने के लिए आने वाले पर्वतारोहियों को अनुमति देना बंद कर दिया है । कैलाश पर्वत भारत का एक अभिन्न अंग था जो किन्ही राजनेताओं की स्वार्थिक राजनीतिक कारण आज चीन के कब्जे में हैं।
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