Sanatan Dharma
सनातन धर्म को संसार के सबसे प्राचीनतम धर्मो में से एक हैं। संसार के हर कोने में सनातन धर्म को मानने वाले लोग आपको मिल जाएंगे। सनातन धर्म को वैज्ञानिक धर्म भी कहा जाता हैं। सनातन धर्म के वेद और शास्त्रों में जो ज्ञान और विज्ञान के बारे में विस्तार से बताया गया हैं वो भी लिखित रूप में, कुछ लोग सनातन धर्म को अपमानित करने की हरदम कोशिश करते रहते हैं परंतु फिर भी अपने कुकर्मों में कभी कामयाब नही हो पाते।
आज के समय में अधिकांश लोगों को “सनातन* शब्द का वास्तविक मतलब भी नही पता होता हैं। पुरातन सनातन ग्रंथो का अन्य भाषा में अनुवाद करने वाले अनुवादकर्ताओं ने भाषा के पूर्ण ज्ञान की कमी के कारण गलत लिख दिया।
इन इतिहासकारों ने और अनुवादकर्ता ने सनातन को पुरातन कहा हैं अर्थात जो पुराना हैं वही सनातन हैं, जबकि वास्तविकता में सनातन का मतलब इससे पूर्णतया अलग हैं।
वेदों और शास्त्रों में जो सनातन शब्द का अर्थ बताया गया हैं वो कुछ इस प्रकार हैं
“जिसका कोई आकर नही हैं, जिसका न तो छेदा जा सकता है और ना ही जलाया जा सकता हैं, जो पहले भी था और अब भी हैं और आगे भी रहेगा। जिसका न तो कोई प्रारंभ हैं और न ही कोई अंत, अर्थात सनातन अनंत हैं, इसके अंत का पता नही लगा सकते”
DHARMA KYA HAIN??
धर्म शब्द से हम सभी भली भांति परिचित हैं धर्म का वास्तविक अर्थ क्या है वेदों और शास्त्रों की व्याख्या के अनुसार धर्म का अर्थ है इंसान को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना अपने दायित्व का पूर्ण जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करना ही धर्म कहलाता है।
धर्म इंसान को जीवन पथ पर चलने का मार्ग दिखाने वाला एक माध्यम है यह आप पर निर्भर करता है कि आप इस माध्यम को सकारात्मक रूप में लेते हैं या फिर नकारात्मक रूप में।
सनातन धर्म इस पृथ्वी के प्रारंभ से विद्यमान है और इसके मानने वाले अनुयायियों की संख्या पूरे विश्व में हमेशा से रही है। संसार में आज तक भी भारत के अलावा अन्य देशों में सनातन धर्म के होने के प्रमाण समय समय पर मिलते रहे हैं।
विश्व के कुछ आधुनिक देश आज सनातन धर्म को फॉलो करने लगे हैं भारत में श्रीमद भगवत गीता और रामायण विद्यालयों में नहीं पढ़ाई जाती जबकि कुछ विदेशों में यह एक विषय के रूप में विद्यार्थियों को बचपन से पढ़ाई जाती है। सनातन धर्म में हमारे पूर्वजों ने वेदों,उपनिषदों,महापुराण और अन्य पुरातन ग्रंथों के माध्यम से हमें अपने जीवन में आने वाली कठिनाइयों से सामना करने के लिए सुगम पथ पहले से ही बता रखा है, बस हमें उनकी पालना करनी जरूरी है।
कुछ वामपंथी इतिहासकारों और नेताओं ने सनातन धर्म को अपमानित करने का हर तरीके से प्रयास किया है सनातन धर्म को काल्पनिक बताने के लिए इन विधारमियों ने हर प्रयास किए है। रामसेतु को काल्पनिक कहा गया। रामायण के हस्तलखित प्रमाणित सबूत होने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट में इसे काल्पनिक बताने के लिए सारे प्रयत्न किए गए परंतु संसार के हर कोने में मिल रहे सनातन धर्म के सबूतों से इन वामपंथियों का यह उद्देश्य कभी सफल नहीं हो पाया।
आज पूरे संसार में सनातन धर्म को जातिगत व्यवस्था के कारण हिन दृष्टि से देखा जाता है जबकि आपको यह पता होना चाहिए कि हमारा धर्म कभी भी जाति व्यवस्था नहीं सिखाता। यह जाति व्यवस्था तो इन राजनेताओं ने आजादी के बाद और पिछली कुछ दो से तीन शताब्दियों में मुगलों और अंग्रेजों के राज में लागू हुई है। सनातन धर्म में उपलब्ध पुरातन ग्रंथों के अनुसार उस समय पर जाति जन्म के आधार पर निर्धारित नहीं होती थी कर्म ही सब कुछ था।
सनातन धर्म कर्म प्रधान प्रधान धर्म है, अगर सनातन धर्म में जातिगत व्यवस्था होती तो हिंदुओं के इष्ट भगवान राम के जीवन की कथा को शब्दो मे वर्णित करने वाले महर्षि वाल्मिकी शुद्र नही होते।
Sanatan Dharma kya world ka sabse purana dharm hain??
सनातन धर्म को विश्व का सबसे पुराना धर्म भी माना जाता हैं। सनातन धर्म के हस्तलिखित ग्रंथ जो की पांडुलिपियों के रूप में हजारों सालों से संग्रहित थे उनकी कार्बन डेटिंग से उनकी उम्र संसार में सबसे पुराने धार्मिक ग्रंथों के रूप में हैं।
Sanatan Dharma को विज्ञान से भी जोड़ के देखा जाता है अक्सर और इसका कारण भी वाजिब हैं, जब जब भी विज्ञान की टक्कर किसी धर्म के साथ हुई हैं पूरे संसार में तो वो एकमात्र सनातन धर्म हैं। हमारे वैदिक ग्रंथ वास्तविकता में वैज्ञानिक अन्वेषण ही थे।
पुरातन हिंदू ग्रंथों में विज्ञान के कई नियम और कई अविष्कारो का चित्रित हस्तलिखित वर्णित हैं। विदेशी वैज्ञानिकों ने भारतीय ग्रंथो पर रिसर्च कर के अपनी अन्वेषण क्षमता को मजबूत किया हैं और हम लोगो ने आधुनिकता के चक्कर में विज्ञान के ज्ञान के अनूठे खजाने को नजरंदाज कर दिया।
वर्तमान में कई धार्मिक ग्रंथों के आधार पर विज्ञान के नए अन्वेषण पर जोर दिया जा रहा हैं भारत में जो की संभवतः आगे जाके सुखद परिणाम देगा। भारत की सेना में ताजा सम्मिलित होने वाले नए हथियारों में से कुछ हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में दिए गए हथियारों के आधार पर भी निर्मित किए गए हैं और वो हथियार आज हिंदुस्तान की सेना के लिए अति उपयोगी हैं।
Sanatan Dharma & Space Science
सनातन धर्म के धार्मिक ग्रंथों में अंतरिक्ष विज्ञान को बहुत अच्छे तरीके से समझाया गया हैं। प्राचीन भारतीय ऋषि आधुनिक वैज्ञानिको से ज्यादा विज्ञान का ज्ञान रखते थे चाहे वह परमाणु के क्षेत्र में हो या फिर अंतरिक्ष के क्षेत्र में।
चिकित्सा विज्ञान में महर्षि चरक और सुश्रुत जी द्वारा रचित सुश्रुत संहिता और चरक संहिता, आज भी चिकित्सको के लिए मार्गदर्शक हैं। आज से कई हजार साल पहले पत्थर द्वारा निर्मित औजारों से शल्य चिकित्सा करना आज भी आश्चर्यजनक हैं।
ऐतरेय ब्राह्मण नामक वेदों के एक भाग में अंतरिक्ष विज्ञान को बहुत ही विस्तारित रूप से समझाया गया है। “ब्रह्मांड अनंत है” यह आधुनिक विज्ञान 19वीं शताब्दी के अंत में जाकर बता पाया है जबकि हमारे ऋषि मुनियों ने आज से हजारों साल पहले ऐतरेय ब्राह्मण नामक वेदों के उप भाग में अंतरिक्ष के इस रहस्य को उजागर कर दिया था।
रामायण काल में पुष्पक विमान जा जिक्र किया गया हैं जो देवताओं कर कोषाध्यक्ष कुबेर का विमान हुआ करता था जिसे बाद में लंकानरेश रावण ने अपने अधिपत्य में ले लिया था। आधुनिक विज्ञान में विमान का जनक Wright Brothers को माना जाता हैं जब की Wright Brothers से भी पहले महाराष्ट्र के एक ब्राह्मण ने विमान को बना दिया था जिसके प्रामाणिक सबूत भी उपलब्ध हैं।
Alien 👽
एलियन क्या हैं??
आधुनिक विज्ञान के अनुसार “जो जीवित प्राणी जो पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह का निवासी हो उसे परग्रही जीव या एलियन कहा जाता हैं।”
Sanatan Dharma में आकाश मार्ग में देवताओं के आने जाने का जिक्र हैं जो एक नही लगभग सनातन धर्म के हर एक हस्तलिखित धार्मिक ग्रंथ में मिल जाता हैं। कुछ पुरातन ग्रंथो में तो चित्रों के साथ देवताओं और कुछ लोगों को विमान में बैठे आकाश मार्ग से विचरण करते दिखाया गया हैं।
देवता स्वर्ग में निवास करतें थे जो अंतरिक्ष में किसी जगह पर विद्यमान हैं तो आधुनिक विज्ञान की भाषा में हमारे भगवान भी एलियन हैं।
“वसुधैव कुटुंबकम” की विचारधारा को केवल sanatan dharma के अनुयाई मानते हैं।
Kya Sanatan Dharma Ki Koi Starting Date Hain??
संसार में विद्यमान लगभग हर एक धर्म के प्रारंभ तिथि इतिहास में वर्णित है परंतु सनातन धर्म ही एकमात्र ऐसा धर्म है जिसकी कोई प्रारंभिक तिथि विश्व के इतिहास के किसी भी पुस्तक में वर्णित नहीं है और इसका कारण है सनातन धर्म अन्य धर्मों से बहुत प्राचीन है जब से इस सृष्टि का निर्माण हुआ है सनातन धर्म के अनुयाई इस सृष्टि के ऊपर विद्यमान रहे हैं कालांतर में शारीरिक संरचनाओं और बौद्धिक क्षमताओं में परिवर्तन अवश्य हुआ है परंतु आज भी सनातन धर्म अपनी पूर्ण क्षमता के सात मानवता के भले के लिए हरदम तैयार हैं।
सिक्ख,जैन और बौद्ध धर्म क्या सनातन धर्म से अलग हैं??
ये सभी सनातन धर्म की शाखाएं हैं, जिन्हे पंत के नाम से जाना जाता हैं। बौद्ध धर्म आज संसार में बहुत बड़े स्तर पर हैं ओर कुछ अन्य बौद्ध धर्म को मानने वाले देश का कहना हैं की बौद्ध धर्म सनातन धर्म से अलग हैं परंतु नही ये बिलकुल गलत हैं। बौद्ध धर्म भी सनातन धर्म का ही एक हिस्सा हैं, बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध का जन्म एक हिंदू परिवार में ही हुआ था।
संसार में विद्यमान अन्य सभी धर्मो के संस्थापक या उन्हें शुरू करने वाले का नाम जन्म के साथ वर्णित हैं इतिहास में परंतु हमारा गौरवशाली सनातन धर्म ही सबसे अलग हैं जिसका कोई एक संस्थापक नही हैं क्योंकि हमारे धर्म में वर्णित हैं की इस श्रृष्टि में विद्यमान कण कण भगवान शंकर का अंश हैं। इस पूरे ब्रह्मांड को संरचना के समय से ही सनातन धर्म विद्यमान रहा हैं।
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जय हिंद जय भारत