बंगाल इस समय हिंसा का मुख्य केंद्र बन चुका हैं। रोज लोगो के जान जा रही हैं और बंगाल पुलिस और प्रशासन आंखे मूंद कर बैठा हैं। विगत कुछ महीनों से बंगाल में आम विधानसभा चुनावों के चलते गर्मा गर्मी का माहोल चल रहा था, तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में तल्ख अंदाज में राजनेतिक युद्ध चल रहा था।
Bengal Violence
गत 2 मई को बंगाल विधानसभा चुनाव का परिणाम आया जिसमे पूर्व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी ने बहुमत हासिल किया। चुनाव परिणाम आने के बाद से ही बंगाल में हिंसा का वह दौर चल रहा है जो किसी समय कश्मीर में चला था। हिंदुओं को तृणमूल कांग्रेस के मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने अपना निशाना बना रखा है और उनके घरों में घुसकर उनसे मारपीट की जा रही हैं, बहन बेटियों से बलात्कार और हत्या की जा रही है और इन सब को ममता बनर्जी का मौन समर्थन हासिल है। केंद्र सरकार से ममता बनर्जी की सीधी दुश्मनी का असर बंगाल के आम हिंदुओं की जान जाने का कारण बन गया हैं। बंगाल में 2 मई के बाद से सैकड़ों महिलाओं का बलात्कार और करीबन 100 से ऊपर हत्या हो चुकी है भाजपा कार्यकर्ताओं को घर में घुस घुस कर मारा जा रहा है और जिन्होंने चुनाव में भाजपा को वोट दिया था उनको तृणमूल कांग्रेस के विजयी नेता धमका रहे हैं और खुलेआम बंगाल छोड़ने की धमकी दे रहे हैं, परंतु इतना सब होने के बाद में भी केंद्र सरकार और देश की सुरक्षा एजेंसियां इस मामले पर चुप्पी साधे बैठी है जो कि बहुत ही चिंताजनक है।
Bengal violence news in hindi
आप सभी को कुछ महीनों पहले हुई गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में हुई घटना का स्मरण होगा जिसमें कुछ हिंदू लड़कों ने मंदिर के अंदर अश्लील हरकतें करने के कारण एक मुस्लिम किशोर युवक को पीटा था। जिसके बाद इसे राष्ट्रीय मीडिया में बहुत बढ़ा चढ़ा कर पेश किया गया और हिंदुओं को दमनकारी तक बताया गया और इस मुद्दे पर बहुत से बुद्धिजीवी बहुत उछल उछल कर बोल रहे थे परंतु आज जब बंगाल में हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है उस पर किसी भी बुद्धिजीवी की जबान अभी तक नहीं खुल पाई है कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उस मुद्दे पर अपनी टिप्पणी पेश की थी परंतु इस समय पर जब बंगाल में हिंदुओं को जान से मारा जा रहा है और राहुल गांधी ममता बनर्जी से इस मुद्दे पर सवाल पूछने के बजाय अनर्गल राजनीतिक भाषण देते रहते हैं।
आज से कुछ समय पहले तक जब बंगाल में चुनावी रैलियों का दौर चल रहा था उस समय पर ममता बनर्जी ने खुलेआम मन से कहा था कि “चुनाव के बाद में केंद्रीय बल तो बंगाल से चले जाएगे फिर उन भाजपा कार्यकर्ताओं और भाजपा समर्थकों को तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से कोन बचाएगा??”
हिंदू परिवारों को तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा उनके घर में घुसकर तोड़फोड़ करने के बाद यह धमकी और दी जाती है कि बंगाल छोड़ दो अन्यथा जान से मारे जाओगे और कई भाजपा कार्यकर्ताओं की जान तृणमूल कांग्रेस के मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने छीन भी ली है यह सब प्रायोजित तरीके से किया जा रहा है क्योंकि जिस प्रकार चुनाव जीतने के साथ ही भाजपा कार्यालय पर हमला और भाजपा के जीते हुए विधायकों के काफिले पर हमला करना वह भी हथियारों के साथ यह सब दर्शाता है कि इन सब की पहले ही प्लानिंग कर ली गई थी और अब सिर्फ उसे अमल में लाया जा रहा है।
Violence in West Bengal
यह बहुत ही लज्जाजनक है कि हम जो कश्मीर में हुआ था उसे दोबारा देख रहे हैं परंतु फिर भी केंद्र सरकार चुप है। कश्मीर में जिस तरह से हिंदुओं का नरसंहार हुआ था और इस नरसंहार के बाद कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर से पलायन करना शुरू कर दिया था आज वही हालत बंगाल में हो चुकी है। बंगाल में हिंदू परिवारों ने बंगाल से पलायन करना शुरू कर दिया है सैकड़ों परिवार बंगाल से पलायन कर के आसाम पहुंच चुके हैं और आसाम सरकार उनके रहने खाने की व्यवस्था कर रही है बंगाल में रोहिंग्या मुसलमानो की असीमित संख्या होने के कारण ममता बनर्जी अपने दूसरे रूप का प्रदर्शन कर रही है, क्योंकि रोहिंग्या के पास एक ही आश्रय है और वह है ममता बनर्जी।
ममता बनर्जी जो उनको कहेगी वह उनको करना पड़ेगा और आज बंगाल में वही हो रहा है जो ममता ने कहा था आज वह सरेआम कर रही है और सारे वामपंथी दलाल मुंह में दही जमा कर बैठे हैं क्योंकि इस बार हिंसा करने वाले मुस्लिम है और पीड़ित होने वाले हिंदू।
किसी बच्चे के 4 थप्पड़ मारने पर मानवाधिकार खतरे में आ जाता है परंतु वही अगर हजारों हिंदुओं को सरेआम मारा जाए और उनकी बहन बेटियों से बलात्कार किया जाए तब मानवाधिकार खतरे में नहीं आता है भारत के नपुंसक हिंदुओं की यही मानसिकता आज बंगाल में हिंदुओं की जर्जर हालत का कारण है। कुछ हिंदू सेक्यूलर और कांग्रेसी होने के कारण अपने खुद के वर्चस्व को ही भूल चुके हैं और उनका काम बस अब चमचागिरी करना रह गया है हिंदुओं की दोहरी मानसिकता भी इसका मुख्य कारण है।
ममता बनर्जी अब अपना तानाशाह वाला रूप दिखा रही हैं की बंगाल में जैसे में चाहूंगी वैसे होगा, और वो इस बात को सरेआम साबित भी कर रही हैं विद्रोहियों का दमन कर के।
Human rights Commission West Bengal
केंद्र की मोदी सरकार जिस हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की विचारधारा के कारण सत्ता में आई थी वो भी ममता बनर्जी के काले कारनामों पर चुप्पी साध के बैठी हैं। हिंदुओं को मार कर आखिर ममता बनर्जी साबित क्या करना चाहती हैं??
आप खुद से रिकॉर्ड चेक कर सकते हैं को चुनावो में जीत के बाद से अब तक बंगाल में जितनी भी हत्याएं हुई हैं वो सभी हिंदुओ की हुई हैं, एक भी मुसलमान अभी तक नही मारा गया हैं। जिन बहन बेटियों के साथ बलात्कार हुआ हैं वो सब भी हिंदू हैं एक भी मुस्लिम महिला पीड़ित नही हैं। जिस राज्य की मुख्यमंत्री खुद महिला हैं उस राज्य में महिलाओ को इस दयनीय स्थिति को देखकर मन क्रोध से भर जाता हैं।
Hindu nationalist organizations
दिखावे के नाम पर बने हुए हिंदू संगठन आज बंगाल में हो रहे हिंदुओ के नरसंहार पर उस नृतिकी की भांति व्यवहार कर रही हैं जो केवल संगीत के इशारे से नाचती हैं परंतु इस दृष्टिकोण में इन तथाकथित हिंदू संगठनों का वो संगीत कोनसा हैं जिसको सुन कर ये कुछ साहसिक कदम उठाएंगे।
नपुंसक की भांति कायराना आचरण ही आज बंगाल में हिंदुओं की दयनीय हालत का जिम्मेदार हैं। इस देश के संविधान में सेकुलर नाम जोड़कर तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने एक अक्षम्य गलती कर दी जिसका परिणाम आज संपूर्ण देश भुगत रहा हैं। आजादी के बाद जब भारत का संविधान बना था उसमे किसी भी तरह ये नही वर्णित था की भारत एक सेकुलर देश हैं। Secular शब्द देश के संविधान में 70 के दशक में संशोधन कर के जोड़ा गया हैं।
दलितों के नाम पर रोटियां सेंकने वाले सारे नेता आज नपुंसक बन के बैठे हैं। चंद्रशेखर रावण, बहन मायावती सरीखे नेता जिनका मुख्य राजनेतिक कारण ही दलित हैं आज वो भी इस मुद्दे पर चुप बैठे हैं। चंद्रशेखर रावण जब डासना में मुस्लिम किशोर को थप्पड़ मारे गए थे तो उसको इंसाफ दिलाने गाजियाबाद गया था और पुलिस से भी बहसबाजी की थी।
आज जब सच मे बंगाल के दलित भाई बहनों को चंद्रशेखर रावण की जरूरत हैं इस मुश्किल समय में अपनी जान बचाने के लिए तो वो उस राजनेतिक गिद्ध की भांति व्यवहार कर रहा हैं जो केवल वोट रूपी मांस का खाना दिखने के बाद हरकत में आ जाता हैं।
West Bengal Election 2021 results
भारत के हिंदुओ ने मोदी और अमित शाह पर विश्वास जताकर सत्ता में बैठाया था परंतु आज वो भी बंगाल में हिंदुओं के नरसंहार पर मौन बैठे हैं ये मौन इनसे बहुत कुछ छीन सकता हैं। जिस मीडिया में उस मुस्लिम किशोर को इंसाफ दिलाने के लिए वाद प्रतिवाद होता था, कुछ तथाकथित बुद्धिजीवियों की टोली उस मुद्दे पर बहस करती थी। आज सब नपुंसक बने बैठे हैं, हिंदुओं को घरों से बाहर निकाल कर मारा जा रहा हैं बहन बेटियों को घर से बाहर निकाल कर खुलेआम सामूहिक बलात्कार किया जाता हैं, और बदले में भाजपा के नेता क्या करते हैं??
विरोध प्रदर्शन,
धिक्कार हैं इन पर जो आज इतना कुछ होने के बाद भी कुछ नही कर रहे, जो योगी आदित्यनाथ उत्तरप्रदेश में ऐसी स्तिथि पैदा होने पर खुद आगे होकर प्रतिकार करता था आज वो चुप बैठा हैं, ट्विटर पर ट्वीट कर के प्रतिक्रिया कर रहा हैं।
क्या इसलिए जनता ने आपको अपना नेता चुना??
क्या बंगाल भारत का हिस्सा नहीं हैं?? क्या बंगाल के हिंदू हमारा परिवार नही हैं??
अब विरोध प्रदर्शन करने या फिर ट्वीट पर प्रतिक्रिया देने का समय नहीं हैं, अब समय हैं इनको इन्ही की भाषा में जवाब देने का, ये लोग खुद को समझते क्या हैं??
सारे संगठनों को आगे आना चाहिए इनका प्रतिकार करने के लिए। ये विदेशी घुसपैठिए इस देश की मूलनिवासी जनता को उनके आशियाने से बाहर निकाल रहे हैं और देश पर कब्जा कर रहे हैं। ये बिल्कुल वैसा ही है जैसा मुगलों के समय और अंग्रेजों के समय हुआ था अगर समय रहते हुए प्रतिकार नहीं किया गया तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है।
भाजपा सरकार पूर्ण बहुमत के साथ है उन्हें कानून का साथ लेकर हिंदुओं के इस नरसंहार का जवाब ममता बानो को देना चाहिए। एक सर्वे के मुताबिक इस समय पर बंगाल में अवैध रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या करोड़ों में है जो कि बहुत ही चिंताजनक है। इन नेताओं ने अपना वोट बैंक बनाने के चक्कर में इस देश के मूल निवासियों के लिए संकट पैदा कर दिया है। भाजपा सरकार अभी बहुमत में है चाहे वह राज्यसभा में हो या लोकसभा। इनको संविधान में कुछ संशोधन करना चाहिए और कुछ ऐसे कानून बनाने चाहिए जिनसे देश में जो भयंकर हालात आज के समय में बनते हैं भविष्य में उनसे हमारी आगे आने वाली पीढ़ी को बचाया जा सके।
दूरदृष्टिता से भविष्य का निर्माण सुगम हो जाता है। इंसान उतना ही सोच सकता है जितना इस प्रकृति में करना संभव है कुछ लोग भूल जाते हैं कि हिंदू कायर नहीं है यह प्रतिकार करना जानता है। आप इतिहास को कागजी पन्नो से भी मिटा सकते हैं परंतु हकीकत भारत का हर एक कोना खुद अपने मुंह से बताता है। बंगाल में समय रहते अगर स्थिति सरकार ने नियंत्रण में नहीं ली तो फिर इस स्थिति को संभालने के लिए सनातनी युवा बहुत है और वह इस को निभाना अच्छे से जानते हैं गीता में लिखा हुआ है की अधर्म और अन्याय का हमेशा प्रतिकार ही करना चाहिए चाहे किसी को आप का प्रतिकार करना पसंद हो या नहीं।