कोरोना की दूसरी लहर ने हम में से बहुत से लोगो से उनके अपनो को दूर कर दिया हैं और लगातार अपना कहर बरपाये जा रही है। जब देश कोरोना से लड़ाई लगभग जीत चुका था तो फिर हमसे या सरकारों से गलती किधर हुई??
How bad is india Covid Situation??
आज लगभग विश्व की हर मीडिया में भारत में कोरोना के बिगड़ते हालातो के बारे में चर्चा की जा रही हैं, लगभग हर बड़े न्यूज़पेयर में इंडिया की Covid Situation को ही हाााइलाइट किया जा रहा हैं।
भारत में अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की कमी है, इसका मुख्य कारण क्या है?? क्या देश में आजादी के बाद अस्पतालों का निर्माण ही नहीं हुआ?? तो इसका उत्तर है, गलत भारत में अस्पतालों की कोई कमी नहीं है लगभग हर 5 स 10 किलोमीटर के अंदर अस्पताल की सुविधा उपलब्ध है परंतु मैनेजमेंट नहीं होने के कारण आज भारत इस भयंकर हालात से गुजर रहा है ऑक्सीजन की कमी और अस्पतालों में पर्याप्त बेड नहीं मिल पाना मरीजों को यह स्वास्थ्य विभाग की नाकामी को भी दर्शाता है।
Oxygen की कालाबजारी
इस महामारी के समय में भी Oxygen की कालाबाजारी हो रही है जो ऑक्सीजन सिलेंडर पहले 20 से ₹30 में रिफिल होता था जो कोविड के बाद करीबन डेढ़ सौ रुपए में रिफिल होने लगा था आज उसी ऑक्सीजन रिफिल की रेट न्यूनतम ₹350 हैं, लोग इस महामारी के समय में भी अपना फायदा बनाने का जुगाड़ देख रहे हैं लोगों की उन्हें कोई फिक्र नहीं है। सब अपना स्वार्थ साधने में लगे हुए हैं चाहे वह राजनेता हो या फिर कोई और आज देश में बिगड़ते हालातों का कारण कहीं ना कहीं हम खुद भी है जब देश में कोरोना से हालात सुधरने लगे थे तो हमने पूर्ण रूप से निष्फिक्र होना शुरु कर दिया और आज हम उसी का परिणाम भुगत रहे हैं।
What Caused India Covid Surge??
आज देश में हर रोज लगभग 300000 कोरोना संक्रमित रोगी मिल रहे हैं और प्रतिदिन मृत्यु 3000 से ऊपर है यह पिछले 10 से 12 दिनों का औसत संक्रमण दर है।
भारत में कोरोना की दूसरी लहर में मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्र ज्यादा चपेट में है जब देश कोरोना से मुकाबले में लगभग जीत चुका था और कोरोना की Vaccines भारत में बन गई और जनता को लगना शुरू हो गई तो भारत की जनता ने कोरोना को हल्के में ले लिया और प्राथमिक सावधानी बरतना भी बंद कर दिया,
सभी ये मान चुके थे की अब हम कोरोना से जीत चुके हैं परंतु यह वायरस दोबारा दुगनी शक्ति से वापस आया और प्रशासन और भारत की जनता की लचर व्यवस्था की धज्जियां उड़ा दी।
स्वास्थ्य विभाग इसे संभालने में अभी तक नाकाम रहा है और सरकारें एक-दूसरे पर आरोप लगाकर खुद को बचाने का प्रयत्न कर रही है।
जब पूरे देश में हर एक इंसान को वैक्सीन लगी ही नहीं थी तो हम लोगों ने कोरोना को नजरअंदाज करने की गलती क्यों की??
आज ही उसी का अंजाम हम भुगत रहे हैं आज से 2 से 3 महीने पहले तक सब कुछ वापस एकदम सामान्य हो गया था जैसे कॉविड से पहले था, परंतु अब हालात 2020 से भी बदतर हो चुके हैं ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों की मृत्यु हो रही है जो कि बहुत ही निराशाजनक है और स्वास्थ्य विभाग की कमियां और सरकारों का अड़ियल रवैया आपस में बैर आज जनता के लिए दर्द बन गया हैं।
Is The COVID-19 Vaccine in use in india effective??
अगर आप लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या भारत में मरीजों की जो वैक्सीन लग रही है वह उन्हें कोरोना से बचाने में मदद भी कर पा रही है ??
हां बिल्कल
जिन जिन ने कोरोना की वैक्सीन के दोनों टीके लगवा लिए हैं उन्हें कोरोना के संक्रमण का बहुत कम खतरा हैं और आज जो मौत हो रही हैं ये वो लोग हैं ज्यादा जिन्हे वैक्सीन के टिके नहीं लगे हैं। इस समय पर जो मौतें हो रही हैं उनमें से अधिकांश युवा पीढ़ी के हैं और इस बार यह नया कोरोना संक्रमण सीधे फेफड़ों पर असर कर रहा है जिसके कारण ऑक्सीजन लेवल की भी कमी बहुत ज्यादा हो रही है।
इसी कारण मरीजों की मृत्यु ज्यादातर हो रही है। जिन मरीजों ने वैक्सीन के दोनों टीके लगवा लिए थे अगर उन्हें दोबारा कोरोना संक्रमण हुआ भी था तो भी वह रिकवर होकर अपने घर पर स्वस्थ पहुंच चुके हैं और इसका ताजा उदाहरण हमारे पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह जी हैं जिन्होंने वैक्सीन के दोनों टीके लगवाये थे।
मीडिया में भारत की छवि वर्तमान कोरोना हालात में बहुत बिगड़ी है जिसका कारण कुछ भारतीय भी हैं जो देश के इतने बड़े खतरे में होते हुए भी अपने विदेशी आकाओं के पास जाकर रोना रोते हैं यह गलत है आप चाहे किसी सरकार के विरोधी हो या फिर किसी पार्टी के समर्थक हो या नहीं हो परंतु यह देश तो आपका है आप इस देश की छवि को जानबूझकर नुकसान नहीं पहुंचा सकते। यह आपकी भी जिम्मेदारी हैं।
अस्पतालो में हो रही मरीजों की मृत्यु का कारण??
पिछले 10 से 15 दिनों में भारत में अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा निरंतर बढ़ता रहा है। किसी जगह पर ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हो रही है, तो किसी जगह पर मेडिकल संसाधनों के अभाव में। भारत में इस महामारी में लोग खुद का निजी फायदा परहित से ऊपर रखकर अपनी संपति बनाने में लगे हुए हैं।
कुछ अस्पतालों में मैंने अपनी आंखों से देखा है कि अस्पताल में मरीजों को ऑक्सीजन लगवाने के लिए उनके परिजनों को डॉक्टर या फिर स्थानीय नेताओं से सिफारिश करनी पड़ती है। किसी स्थानीय नेता के चमचे डॉक्टर के हाथ में सारा नियंत्रण रहता है और अधिकांश ऐसे लोग अपने निजी लोगों को आम जनता के ऊपर तवज्जो देते हैं और आम मरीज ऑक्सीजन के अभाव में इन डॉक्टरों और कालाबाजारी करने वालों के कारण अपनी जान गवा देते हैं।
राजनेताओं को शर्म आनी चाहिए कि इस महामारी के समय में भी वह न्यायालय में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल खेल रहे हैं और आम जनता अपनी जान अस्पतालों में सुविधाओं के अभाव में गंवा रही है। कोरोना की दूसरी लहर ने मुख्यतः गांवों को चपेट में लिया है, दूसरी लहर ने भारत के ग्रामीण क्षेत्रों की लचर प्रबंधन व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है।
कुछ ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है अगर कोई मिल भी जाती है तो उनकी कीमत उन ग्रामीणों की 1 महीने की आय से भी ज्यादा ली जा रही है। अस्पतालों ने कमजोर, मध्यम एवं गरीब वर्ग को अपने अंगों के कारोबार का निशाना बना रखा हैं। आज अगर कोई बिना किसी सूचना या किसी जागरूक साथी के अस्पताल वालों के चंगुल में आ गया तो फिर उसकी लाश ही अस्पताल से बाहर निकलती है।
कुछ दिन पहले राजस्थान में जोधपुर के पास एक ग्रामीण क्षेत्र की घटना है जिसमें एक वृद्ध औरत को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और उसको शीघ्रता से अस्पताल पहुंचाना और ऑक्सीजन सपोर्ट लगवाना जरूरी था, परंतु ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण वहां पर एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो पाई तो उस वृद्धा के बेटे ने एक ऑटोमेटिक ऑक्सीजन निर्माण यंत्र जो बिजली से चलता है और ऑक्सीजन बना सकता है। एक पिक अप में जनरेटर लगाकर यंत्र को बिजली से चालू कर के अपनी मां को 70 किलोमीटर तक ऑक्सीजन सपोर्ट देकर जोधपुर अस्पताल पहुंचा, जिसके कारण उसकी मां की जान बच पाई परंतु अगर उन लोगों के पास ऑक्सीजन निर्माण का यह साधन भी नहीं होता तो उस वृद्ध औरत की जान जाना संभव था और इसी तरह से कई ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की सुविधाओं के अभाव में जान जा रही है।
जिसका कारण सारी सरकारें हैं जिन्होंने आज तक ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था का पूर्ण प्रबंधन नहीं किया है आजादी के इतने सालों बाद तक आज भी भारत के ग्रामीण लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए शहर के चक्कर लगाने पड़ते हैं और जानकारी के अभाव में उनसे पैसे की लूट का सूट भी कलयुग डॉक्टर करते रहते हैं जोधपुर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत का क्षेत्र है परंतु फिर भी यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो पा ना उनके लिए लज्जाजनक हैं।
आम जनता से बस एक ही अपील हैं की कृपया अपना ध्यान स्वयं रखे, Social Distance का ध्यान रखे। अपने हाथो को लगातार धोते रहे और स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन का पालन करे। किसी सरकार को आपकी फिक्र नहीं हैं आपको अपना और अपने परिवार का ध्यान खुद रखना पड़ेगा।
#Stayhome #Staysafe