बंगाल चुनाव और रोहिंग्या मुसलमान

पिछले दो-तीन सालों में बंगाल में माहौल लगातार बिगड़ता जा रहा है, ममता बनर्जी की पार्टी के गुंडों ने बंगाल में अराजकता का माहौल पैदा किया हुआ है, आए दिन कहीं किसी का खून तो कहीं किसी का बलात्कार की घटनाएं होती रहती हैं और इन घटनाओं में टीएमसी पार्टी के कार्यकर्ताओं का अपराधी पाया जाना कोई नई बात नहीं है, परंतु फिर भी बंगाल की सरकार और प्रशासन इन को नजरअंदाज करते आए हैं।

 ममता बनर्जी खुलेआम भगवान श्रीराम का अपमान कर सकती है, देश के प्रधानमंत्री का अपमान कर सकती है परंतु अपनी बंगाल की जनता का दिल से भला नहीं कर सकती अगर वह बंगाल का भला चाहती तो अपराधियों को प्रथम प्राथमिकता पर दंड दिलवाती चाहे वह उसी की पार्टी के कार्यकर्ता क्यों ना हो।
 आपको ममता बनर्जी से जुड़ा एक किस्सा बताता हूं जो आज की ममता बनर्जी और उस समय की ममता बनर्जी दोनों के व्यवहार और आदर्शों के बीच परिवर्तन का एक गजब उदाहरण है।  आज से 10 साल पहले जब रोहिंग्या मुसलमान एक मुद्दा बन गए थे भारत में चुनावी मुद्दा जिसका हर पार्टी इस्तेमाल कर रहे थी।
 संसद में कार्यवाही चल रही थी और ममता बनर्जी ने आवाज उठाई थी रोहिंग्या मुसलमानों को भारत से खदेड़ने के बारे में यह वही ममता बनर्जी है जिन्होंने उस दिन भरी लोकसभा में सभापति के मुंह पर सरकारी कागज फाड़ कर फेंक दिए थे रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर निकालने के लिए और आज यही ममता बनर्जी उन्हीं मुसलमानों का समर्थन कर रही है क्योंकि यह उसका सबसे बड़ा वोट बैंक है। रोहिंग्या मुसलमान टीएमसी पार्टी के अलावा कांग्रेस पार्टी का भी एक बड़ा वोट बैंक है इसी कारण किसी ना किसी रूप में वह भी  रोहिंग्या मुसलमानों के निष्कासन के विरोध में बोलते हैं परंतु अब जब बंगाल में गुंडागर्दी की हद पार हो चुकी है आए दिन किसी विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं का खून या उनके साथ मारपीट जेसी घटनाएं हो रही है।

 हिंदू धर्म का अपमान और हिंदुओं की आस्था का अपमान यह आज के समय में भारत में राजनेताओं के लिए एक  मुद्दा मिल गया है हिंदुओं की आस्था से, उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करने का और ये लोग निरंतर करते आ रहे हैं परंतु फिर भी यह भोले भाले हिंदू लोग, इस बात को आज तक समझ नहीं पाए।
 बंगाल राजनीतिक दृष्टिकोण से इस समय भाजपा के लिए अति महत्वपूर्ण है और भाजपा के पास इस समय मौका भी है क्योंकि बंगाल में अब परिवर्तन का माहौल बन चुका है और अगर इस माहौल का फायदा अब नहीं उठाया गया तो फिर बंगाल हाथ से निकल जाएगा।
 आज के समय में बंगाल रोहिंग्या मुसलमानों का गढ़ बन चुका है उनके फर्जी आधार कार्ड फर्जी वोटर आईडी सब कुछ बन के तैयार हो चुके हैं और इन सरकारी कागजों को तैयार करने में ममता बनर्जी की सरकार और बंगाल के प्रशासन का महत्वपूर्ण हाथ है अन्यथा अवैधानिक रूप से भारत देश में रहने के लिए इन सभी रोहिंग्या मुसलमानों पर कार्यवाही होनी चाहिए थी।  आज जब पूरे संसार के सारे देश इन रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने से मना कर रहे हैं फिर भी भारत के कुछ राजनेता अपने राजनीतिक फायदे के लिए इनको भारत में जगह दिलाने, नागरिकता दिलाने के लिए बहुत बार समर्थन करते दिखे हैं चाहे यह कोई बहुत बड़े अभिनेता हो या फिर कई नेता यह बहुत ही निराशाजनक है की देश के प्रबुद्ध जन देश के विरोध में ही कार्य कर रहे हैं। इन अवैधानिक रूप से रहने वाले, चाहे वह रोहिंग्या मुसलमान हो चाहे कोई और उन पर कार्यवाही होनी जरूरी है,

क्योंकि अगर समय रहते इन लोगों पर कार्यवाही नहीं की गई तो इनके जैसे ही और भी अवैधानिक रूप से दूसरे देशों से आने वाले लोगों की संख्या निरंतर बढ़ जाएगी और फिर देश से इनको बाहर निकाल पाना मुश्किल हो जाएगा अगर इनके ऐसे ही फर्जी आधार कार्ड वोटर आईडी कार्ड वगैरह बनते गए तो आने वाले समय में देश के मूल निवासियों को नौकरी पैसा हर चीज में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

भाजपा का शीर्ष नेतृत्व  पिछले कुछ समय से लगातार बंगाल में चुनाव में व्यस्त हैं उनके लिए इस बार बंगाल आन का प्रतीक बन चुका है। बंगाल में भाजपा की सरकार बनानी इस समय अति आवश्यक हो चुकी है क्योंकि अगर यह राज्य ऐसे ही ममता बनर्जी के हाथ में अगले 5 या 10 सालों तक रहा तो इसमें मूल भारतीयों की संख्या आज के समय में पाकिस्तान में जो हिंदुओं की संख्या है वही हो जाएगी क्योंकि ममता बनर्जी अपने निजी राजनीतिक फायदे के लिए निरंतर रोहिंग्या मुसलमानों के फर्जी वोटर आईडी और आधार कार्ड बनवाते रहेगी और इन्हें भारत में बसाते रहेंगी जिससे नुकसान आम भारतीय को ही है।

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार बंगाल में चुनावी रैलियों में व्यस्त हैं उन्हें इस बार बंगाल में भाजपा की सरकार बनानी है क्योंकि अगर भाजपा की सरकार अभी नहीं बन पाई तो फिर बंगाल में गुंडागर्दी और अराजकता हद पार कर जाएगी अभी भी बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी कम नहीं है निरंतर हफ्ता वसूली और व्यापारियों को परेशान करना ऐसी घटनाएं पिछले बहुत सालों से होती आ रही है यह राज्य पहले कई वर्षों तक कम्युनिस्टों के कब्जे में था फिर उसके बाद ममता बनर्जी के हाथ में।
 इस राज्य का विकास हो ही नहीं पाया है यह राज्य ऐतिहासिक रूप से भी भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। बांग्लादेश से सीमा होने के कारण रोहिंग्या मुसलमानों का निरंतर अवैध रूप से प्रवेश करना जारी है अगर भाजपा की सरकार आती है तो उन्हें अपने वादे के अनुसार बंगाल में बांग्लादेश बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ानी पड़ेगी और रोहिंग्या मुसलमानों के अवैध प्रवेश रोकना पड़ेगा और बंगाल से रोहिंग्या मुसलमानों को ढूंढ ढूंढ कर बाहर निकालना पड़ेगा तभी इस देश और बंगाल दोनों का अच्छा समय आ पाएगा आप यह क्यों नहीं सोचते कि अगर ये रोहिंग्या मुसलमान इतने ही अच्छे हैं तो इन्हे पूरे संसार में जो 56 इस्लामिक देश हैं वह शरण क्यों नहीं देते?? आखिर यह लोग तो उन्हीं के धर्म के हैं यह एक सवाल है और इस सवाल का उत्तर ढूंढना हमारे लिए बहुत जरूरी है गृह मंत्री अमित शाह की रैली पर हमला बंगाल में हुआ था जिसमें दोषी भी टीएमसी के कुछ कार्यकर्ता ही हैं परंतु कार्यवाही फिर भी नहीं हुई जिस राज्य में जिस मुख्यमंत्री की सरकार में देश के गृह मंत्री के काफिले पर आक्रमण हो सकता है तो फिर वहां आम जनता कैसे सुरक्षित हो सकती है ममता बनर्जी देश विरोधी तत्वों का लगातार समर्थन करते आ रही हैं चाहे वह सीएए हो या फिर एनआरसी।

जनता को मूर्ख बनाने के लिए ममता बनर्जी ने नया पैंतरा आजमाया हुआ है, आजकल यह एक पैर में नकली प्लास्टर लगा कर घूम रही है कई बार यह भूल जाती हैं कि इनका लगाया हुआ प्लास्टर नकली है और यह नाटक कर रही है हो रही है उसे असली दिखाने के चक्कर में कभी-कभी अपनी खुद की असलियत भी दिखा देती हैं।
 किसान आंदोलन में हुए दिल्ली में लाल किले पर अपमान का  भी ममता बनर्जी ने  किसान गुटों के साथ समर्थन किया था किसी न किसी रूप में जब ग्रेटा थनबर्ग रिहाना और दिशा रवि जैसे लोगों का नाम किसान आंदोलन में देश में अराजकता फैलाने के लिए आया था उस समय इस ने उनका बचाव करने की कोशिश की थी।
अब देश को ममता बनर्जी जेसी  राक्षसी से बचाने का समय आ चुका हैं नही तो ये बंगाल को खा जायेगी।

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