मुख्तार अंसारी ये नाम आजकल कुछ ज्यादा ही चर्चा में हैं, चाहे सोशल मीडिया हो या फिर नेशनल मीडिया आजकल योगी जी और मुख्तार अंसारी की चर्चा चारो तरफ हो रही हैं।
कोन हैं मुख्तार अंसारी??
एक समय का देश की सबसे बड़ी जनसंख्या वाले राज्य उत्तरप्रदेश का सबसे बड़ा माफिया, जिसकी पहचान अंडरवर्ल्ड से लेकर राजनीति तक थी। मुख्तार अंसारी का दबदबा उत्तरप्रदेश में बहुत पुराने समय से रहा हैं। इसके नाम पर कई मुकदमे दर्ज हैं।
उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के परिवार से करीबी जन पहचान बहुत पुरानी हैं इनकी ओर योगी जी से दुश्मनी भी बहुत पुरानी हैं।
योगी जी और मुख्तार अंसारी के बीच की जंग।
आज के समय में मुख्तार अंसारी उत्तरप्रदेश का विधायक भी हैं और एक अपराधी भी। पिछले कुछ समय से मुख्तार अंसारी पंजाब की जेल में था कुछ राजनीतिक सहयोग के कारण परंतु उत्तरप्रदेश पुलिस उसे अपनी कस्टडी में लेने के लिए कोर्ट से बार बार आदेश ला रही थी परंतु फिर भी राजनीति हस्तक्षेप के कारण उसे पंजाब से उत्तरप्रदेश लाने में देरी हो गई।
इस मामले में राजनेतिक हस्तक्षेप का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं की उत्तरप्रदेश पुलिस को मुख्तार अंसारी को अपनी कस्टडी में लेने के लिए और पंजाब की रोपड़ जेल से उसका उत्तरप्रदेश की जेल में ट्रांसफर करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी पड़ी।
कांग्रेस के कुछ बड़े नेता और पंजाब की सरकार इस मामले में लगातार मुख्तार अंसारी का साथ दे रही थी। आज तक ये समझ मे नही आया की इन कांग्रेसी नेताओ को इन अपराधियों की इतनी ज्यादा फिक्र क्यों रहती हैं।
मुख्तार अंसारी की पत्नी ने उसका पंजाब से उत्तरप्रदेश में ट्रांसफर रुकवाने के लिए अर्जी लगाई थी की उसकी जान को खतरा हैं अगर उसे उत्तरप्रदेश में लाया गया तो
समय का चक्र जब घूमता है ना तो राजा को रंक और रंक को राजा बना देता है। मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश का वह नाम है जिसके नाम से किसी समय में लोग थरथर कांपते थे और आज उसकी पत्नी उसकी जान बचाने के लिए अर्जी लगा रही है इस मुख्तार अंसारी ने उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकी दी थी आज से बहुत साल पहले जब योगी आदित्यनाथ सांसद हुआ करते थे।
एक समय था जब मुलायम सिंह यादव मुख्तार अंसारी के बहुत करीब हुआ करता था परंतु आज हालात यह हैं कि यह सारे नेता अब मुख्तार अंसारी से कन्नी काटने लगे, क्योंकि योगी जी के हाथ में मुख्तार अंसारी के रूप में उत्तर प्रदेश के अगले पंचायत चुनाव और मुख्यमंत्री चुनाव की चाबी हाथ में लग गई है मुख्तार अंसारी इन सारे नेताओं का राजदार है।
योगी आदित्यनाथ इस मुर्गे को अब छोड़ने वाले नहीं है वे इस मुर्गे को चारा बनाकर सारे नेता जो भी इन से मिले हुए थे और जिन्होंने उत्तर प्रदेश का बुरा हाल कर रखा था चाहे वह भ्रष्टाचार के रूप में हो या फिर अलगाववाद या फिर दंगों के रूप में अब उन सब का अंत बहुत समीप आ चुका है।
आपको एक घटना के बारे में बताता हूं जो आज से कई साल पहले उत्तर प्रदेश के मऊ में हुई थी उस समय योगी जी गोरखपुर के सांसद भी थे और गोरखपुर आश्रम के महंत भी, मऊ में उस समय दंगा चल रहा था और उस दंगे का नेतृत्व कर रहा था मुख्तार अंसारी और उसका भाई अफजाल अंसारी इन दोनों ने मऊ को दंगो से परेशान कर दिया था। योगी जी ने उस समय के बीजेपी के उच्च नेतृत्व से संपर्क किया और उनके साथ चलने के लिए कहा था कि यह लोग साथ में चलकर मऊ में हो रहे दंगों को रुकवा सके और आम जनता को इस दंगों के कष्ट से मुक्ति दिला सके परंतु मुख्तार अंसारी की मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के साथ करीबी और अयोध्या कांड के समय मुलायम सिंह यादव के द्वारा कारसेवकों पर गोली चलवा देना, उस घटना के ध्यान में आते ही उस समय के बीजेपी के बड़े नेता भी योगी जी के साथ चलने को तैयार नहीं हुए योगी जी ने उनसे बहुत बार कहा लेकिन कोई भी मानने को तैयार नहीं था उनके साथ चलने के लिए।
योगी जी ने राजनाथ सिंह जी से साथ चलने के लिए बात की परंतु वही मुलायम सिंह जी और मुख्तार अंसारी की नजदीकी रिश्ते के कारण उन्हें भी थोड़ा सा डर लग रहा था कि क्या पता वह गोली भी चला दे तो योगी जी ने खुलेआम बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को धमकी दी कि वह बीजेपी की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे और वह मऊ में जाकर दंगा तो रुकवा देंगे, उन्होंने राजनाथ जी से संपर्क करके उनसे कह दिया कि आप जाए या ना जाए परंतु मैं मऊ जरूर जाऊंगा और दंगा भी रोकूंगा इतना कहकर योगी जी ने फोन काट दिया और अपने साथ के कुछ लोगों के साथ दो तीन गाड़ियों में गोरखपुर से मऊ के लिए निकल चुके हैं यह 60 से 70 किलोमीटर का रास्ता था और जब आसपास के गांव के लोगों को जब पता चला कि योगी जी मऊ जा रहे हैं मुख्तार अंसारी के सामने दंगों को रुकवाने के लिए तो उस समय वहां के सभी लोगों को पता था कि मुख्तार अंसारी ने योगी जी को जान से मारने की धमकी दे रखी है और उसने कई बार प्रयास भी किए हैं परंतु वह सफल नहीं हुआ था और अगर आज योगी जी अकेले चले गए तो वो लोग इन्हें जान से मार देंगे।
जैसे ही आसपास के गांव के लोगों को यह बात पता चली कि योगी जी अकेले ही मुख्तार अंसारी से लड़ने के लिए जा रहे हैं तो आसपास के गांव से लोग उनके साथ चल दिए।
उनके काफिले के साथ गाड़ियां जुड़ती गई दो तीन गाड़ियों से मऊ पहुंचते-पहुंचते डेढ़ सौ के आसपास गाड़ियां हो गई और जब मुलायम सिंह यादव के पास मुख्यमंत्री कार्यालय में यह बात पहुंची कि योगी आदित्यनाथ मऊ जा रहा है दंगा रुकवाने के लिए तो उसने योगी आदित्यनाथ की गिरफ्तारी के लिए आदेश दे दिए वहां के प्रशासन ने बहुत सख्त तैयारी की थी चारों तरफ पुलिस लगा रखी थी योगी जी को गिरफ्तार करने के लिए परंतु जैसे ही उन्होंने योगी जी के काफिले को देखा तो उनका भी दिल दहल गया इतने लोगों को एक साथ देख कर उनकी योगी जी को गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं हुई और उन्होंने मुलायम सिंह यादव को स्थिति से अवगत करा दिया।
योगी जी वहां गए भी उन्होंने वहां पर जाकर दंगा भी रुकवाया और मुख्तार अंसारी के दबदबे का उसी के सामने जाकर जवाब भी दिया आज वही मुख्तार अंसारी उन्हीं योगी आदित्यनाथ के नाम से डरता है, उसे यह लगता है कि अगर अब उत्तर प्रदेश आ गया है या जाएगा तो उसे योगी आदित्यनाथ इस बार जान से मार देगा इन दोनों की दुश्मनी बहुत पुरानी है और राजनीतिक कनेक्शन भी उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुख्तार अंसारी के सभी मुख्य राजनेताओं से संपर्क हैं, चाहे वह मायावती हो या मुलायम सिंह यादव हो या फिर कोई और नेता इस मामले में अब ना तो मायावती बोल सकती है जो उत्तर प्रदेश की सरकार का समर्थन करती है जब वह कोई अच्छे डिसीजन लेते हैं अच्छे निर्णय लेते हैं।
इस मुद्दे पर वह कुछ नहीं बोल पाएगी क्योंकि मुख्तार अंसारी उन्हीं की पार्टी से विधायक है और उसका भाई अफजाल अंसारी उसी की पार्टी से सांसद है मुख्तार अंसारी की पत्नी ने कोर्ट की एप्लीकेशन में यह दलील दी है कि इसका भी मुख्तार अंसारी का भी विकास गुप्ता की तरह विकास दुबे की तरह एनकाउंटर के मार दिया जाएगा योगी जी का यह खौफ अपराध के बड़े-बड़े नामों में अच्छा लगा।
बीमार होने का ढोंग??
ये पुलिस केस या किसी और मामले में नाम आते ही इन नेताओ का बीमार हो जाना कोई बड़ी बात नहीं है, पहले भी बहुत से नेता यह कर चुके हैं और अब मुख्तार अंसारी ने किया है।
जब वह पंजाब की जेल में बंद था तो वह बिना व्हीलचेयर के कोई मूवमेंट भी नहीं करता था परंतु जैसे ही वह उत्तर प्रदेश पहुंचा वैसे ही वह व्हीलचेयर से उठकर अपने पैरों पर चलता दिखा इस ढोंग को अब क्या कहें क्यों पंजाब की सरकार ने उसके ढोंग का समर्थन किया और उसको पंजाब में रोक के रखा जबकि कोर्ट से उत्तर प्रदेश पुलिस कई बार आदेश तो आ चुके थे।
15 अप्रैल से उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव शुरू हो रहे हैं और इन चुनावों में इस बार मुख्तार अंसारी पूर्वांचल का क्षेत्र भाजपा के पक्ष में लाने के लिए यह मुख्तार अंसारी बहुत काम में आएगा। इस एक अपराधी के पकड़ में आने से उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी अब कई बिफरे बैलों पर अंकुश लगा सकते हैं।