भारतीय सेना का नाम सुनते ही हर एक भारतीय का सर गर्व से ऊंचा हो जाता है। समय समय पर भारतीय सेना ने अपने पराक्रम से दुश्मनों के दांत खट्टे किए है ओर नामुमकिन लगने वाले काम पूरे किए हैं। जिन दुर्गम स्थानों पर इंसान क्या जानवर भी जाने से डरते है उन जगहों पर भारतीय सेना ने तिरंगा फहरा कर हर एक देश वासी को हमेशा गौरवान्वित किया है। आज के समय में भारतीय सेना की वीरता से कोई परिचित नहीं हो ये हो ही नहीं सकता है।
दुश्मन को घर में घुसकर मारना ओर अपने सैनिकों के बलिदान का बदला लेना, इस बात से पूरे संसार में कोई अपरिचित नहीं है।
समय के साथ साथ भारतीय सेना के तौर तरीको में बदलाव भी हुआ है आज से कुछ सालो पहले तक जिनके हाथ गोली चलाने के लिए बंधे होते थे आज उन्हे दुश्मन का खात्मा करने की खुली इजाजत मिली हुई है ओर इसका खौफ भारत के पड़ोसी देश ओर दुश्मन चीन ओर पाकिस्तान में अक्सर उनकी हरकतों के द्वारा देखने को मिल जाता है।
विश्व की दूसरे नंबर की सबसे बड़ी सेना ओर पराक्रम मे पहले नंबर पर आने वाली सेना के वीरो की वीरता से हम सब लोग भली भांति परिचित हैं।
आमने – सामने की लड़ाई में भारतीय सेना से जितना विश्व की किसी भी महाशक्ति के लिए असंभव हैं ओर अब तो भारतीय सेना अत्याधुनिक हथियारों से भी लैंस हैं जिनका सामना करना किसी के लिए भी मुश्किल है।
भारत में बाहर के दुश्मनों से ज्यादा आंतरिक दुश्मन ज्यादा हैं जिन्हें भारतीय सैना की कदम – कदम की जानकारी चाहिए होती है क्योंकि यही जानकारी तो वो आगे अपने आकाओं को भेज कर अपना मुनाफा कमाते हैं। पिछले कुछ समय से देश ने आंतरिक दुश्मन अर्थात् आस्तीन के सांपो कि संख्या में बढ़ोतरी हुई है ये मैने को अब ये सारे सांप बिल से बाहर निकल चुके हैं ओर अपना विष उगलने मे समय बर्बाद नहीं करते है।
कुछ समय पहले जब देश की सेना ने दुश्मन देश के ऊपर अपने शहीद सैनिकों का बदला लेने के लिए सर्जिकल ओर एयर स्ट्राइक की थी ओर दुश्मनों को उनके घरों में घुसकर मारा था इस अद्वितीय शौर्य पर भी कुछ वामपंथी विचारधारा वाले नेता जिनमें से आज कुछ किसी राज्य के मुख्यमंत्री हैं तो कुछ अन्य उच्च पदों पर विराजमान हैं। इतने जिम्मेदारी वाले पदो पर बैठकर भी भारतीय सेना के ऊपर सवाल उठाना उनकी घटिया मानसिकता ओर राजनीति के गिरते स्तर की निशानी है।
आज से कुछ साल पहले जब देश की सरकार ने फ्रांस से राफेल युद्धक विमानों का सौदा किया था तो उस पर भी इन कथित राजनेताओं ओर देशविरोधी मानसिकता वाले लोगो ने सवाल उठा दिए थे क्योंकि इसका एक अलग कारण हैं।
मोदी सरकार से पहले जब को किसी विमान का सौदा किसी अन्य देश के साथ हुआ था तो उसमे विमान के आंतरिक नक्शे उस देश के जो डिजाइन होते थे उनके अनुसार हो होते थे उधाहरण के लिए मिग विमान को हो देख लीजिए। इस विमान की आंतरिक तकनीकी समस्या के कारण इतने बहादुर सैनिकों ने अपनी जवान गंवाई हैं कि जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती। इस विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का एक कारण ये भी हैं इस विमान की रूपरेखा ठंडे देशों के वातावरण के अनुसार तैयार की गई थी ओर पुरानी सरकार ने उसका पूर्ण निरीक्षण किए बिना अपने निजी हित जो देखते हुए इस विमान का सौदा कर लिया था जिसके कारण भारत में वातावरण अलग होने के कारण तापमान में असीमित बदलाव के कारण उसके तकनीकी सिस्टम में खराबी आ जाती थी ओर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो जाता था।
राफेल विमान के लिए संपूर्ण देश में बहुत हो हल्ला मचाया गया था कि इसमें विमान के सौदे में मोदी सरकार ने देश के साथ विश्वासघात किया है जबकि वास्तव में ये हो हल्ला मचाने वाले लोग ही थे जो इसकी आंतरिक तकनीकी व्यवस्था कि जानना चाहते थे ओर उसके लिए इन लोगो ने सरकार को खूब परेशान भी किया परन्तु सरकार इनके नापाक इरादों के आगे झुकी नहीं ओर इस विमान का सौदा सफलतापूर्वक पूरा किया ओर देश की सेना को एक ओर हथियार प्रदान किया।
इस विमान की विशेषता ये हैं कि ये विमान ब्रह्मोस जैसी मिसाईल को सफलतापूर्वक के जाके निशाने पर छोर सकता है ओर इस विमान के आंतरिक तकनीकी व्यवस्था में भारतीय वैज्ञानिकों ने कुछ परिवर्तन किए थे ओर इन्हीं परिवर्तन ओर ब्लू प्रिंट के लिए इस विमान के विरोध में ये सारा हो हल्ला मचाया गया था।
भारत की सीमाओं पर आज से कुछ महीनों पहले चीन की सेना ने घुसपैठ करने की कोशिश की थी जो हमारे भारतीय जांबाज सैनिकों के द्वारा असफल कर दी गई थी परन्तु हमारे सैनिकों कि कार्यवाही पर कुछ कांग्रेसी ओर वामपंथियों को विश्वास नहीं है इसलिए वे आज भी इस मुद्दे की संसद और मीडिया में बार बार उठाते रहते हैं जबकि वास्तविकता में भारत ने चीन की हालात उस कुत्ते की तरह कर दी थी जो ना तो घर का रहा ओर ना घाट का।
भारतीय सैनिकों द्वारा जवाबी कार्यवाही मे मेरे गए चीनी सैनिकों के परिवारवालों ने ओर देश की आम जनता ने चीन में अंदर ही अंदर विद्रोह मचा दिया था जिसके कारण होंगकोंग ओर तिब्बत जो कि चीन के द्वारा बलपूर्वक अधिग्रहित किए गए हैं इन दोनों देशों में फिर से चीन के चंगुल से छूटने कि कार्यवाही शुरू हो चुकी थी परन्तु चीन ने सेना का प्रयोग कर इनकी आवाज को भी दबा दिया।
कश्मीर में हालात कुछ सालो पहले तक बदतर थे परन्तु सेना कि सूझबूझ ओर सरकार की देश हित मे पास की गई नीतियों के कारण आज कश्मीर में भी शांति हैं जों इन वामपंथियों के वश कि बात नहीं है तभी तो आतंकवादियो के एनकाउंटर करने पर भी सैनिकों पर मानवाधिकार आयोग मै शिकायत की जाती हैं।
सेना पर जो लोग सवाल उठाते हैं वो कभी भी देशहित के बारे में नहीं सोच सकते हैं ये वो लोग होते हैं जो बस राजनीति ओर भ्रष्टाचार कर कर अपना घर भरना जानते हैं।
कश्मीर में जब सेवानिर्वत सैनिकों ओर सेना के अन्य अफसरों को जमीन खरीदने की पर उस जगह पर बसने की सरकार अनुमति देने लगी तो फिर से इन वामपंथियों के धंधे उखड़ने कि बारी आ गई थी तो नया मुद्दा खोज कर बनाया गया की आम कश्मीरी के अधिकारों को हनन किया जा रहा है।
इस बात से किसी को क्या समस्या हो सकती है कि देश के स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर मै देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले सैनिकों को बसने की अनुमति मिल गई इससे तो कश्मीर के आंतरिक हालातो मे सुधार ही होगा, हैं पर ये जरूर हैं कि आतंक की दुकान चलनी बंद हो जाएगी शायद इसी बात पर वामपंथी गुट परेशान हैं।
भारतीय सेना निरंतर अपने बेटे मे अत्याधुनिक हथियार ओर वाहन सम्मिलित किए जा रही है जिससे देश के सैनिकों का मनोबल बढ़ा है ओर वो देश के दुश्मनों को ओर अधिक ताकत से जवाब देने के लिए हरदम तैयार बैठे हैं।
लद्दाख ओर जम्मू कश्मीर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग जो की बर्फबारी के कुछ महीनों में बंद रहता था जिसके कारण सेना को एक जगह से दूसरे जगह जाने ने परेशानी का सामना करना पड़ता था उसके निदान के लिए सरकार ने ओर सेना ने अटल टनल को तैयार किया जिससे लद्दाख ओर जम्मू कश्मीर साल के हर दिन देश से जुड़े रह सके ओर आगमन कि सुविधा में विस्तार हो सके।
भारतीय सेना विश्व की सबसे शक्तिशाली सेनाओं में से एक है क्योंकि ये हथियार के दम पर नहीं लड़ते बल्कि हौसलों से लड़ते है इसी कारण किसी समय में यूएस के राष्ट्रपति ने भारतीय सेना के लिए कहां था कि अगर मेरे पास भारतीय सेना हो तो में पूरे विश्व पर एकछत्र राज कर सकता हूं ओर एसे ही कुछ अन्य बयान विभिन्न देशों के राष्ट्रध्यक्ष ने समय – समय पर दिए हैं।
द्वितीय विश्व युद्ध में अगर ब्रिटेन के साथ भारतीय सैनिकों का साथ नहीं होता तो उनके लिए उस युद्ध का जितना नामुमकिन था।
देश की रक्षा के लिए शहीद होने वाले सैनिकों को सत सत नमन।
जय हिन्द जय भारत।