Israel And Palestine Conflict 2021
Middle East इस समय पर वार जोन के रूप में बदल चुका हैं। पिछले दो हफ्तों से जो तनातनी और गरमा गरमी का माहोल विश्व के सबसे प्राचीन धार्मिक शहरो में से एक येरूशलम (Jerusalem) में बना हुआ था वो आज एक युद्ध में बदल चुका हैं। Middle East के गाजा पट्टी के क्षेत्र में दोनो ओर से हवाई हमले किए जा रहें हैं और इन हमलों में काफी लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
Where Is Yerusalem Located –
आखिर येरूशलम इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं??
येरूशलम संसार के तीन बड़े धर्मो का मुख्य धार्मिक स्थल हैं, यहूदी, ईसाई और इस्लाम। इन तीनो ही धर्मावलंबियों की इस स्थान के प्रति अलग अलग मान्यता है। जिस जमीन के लिए आज मध्य एशिया में युद्ध के हालात बने हुए हैं उसका क्षेत्रफल मात्र 35 एकड़ हैं परंतु ये 35 एकड़ की जमीन जो एक पहाड़ी क्षेत्र में स्थित हैं विश्व की सबसे विवादित जमीन में से एक हैं। इस जमीन पर तीन धर्म के लोग अपना अधिकार जताते आए हैं और ये आज से नही सालो से होता आया हैं। इस येरूशलम के क्षेत्र के लिए पहले भी कई बार युद्ध हो चुका हैं और आज फिर से वही युद्ध के हालात बन चुके हैं। तीनो धर्मो की आस्तिक मान्यता को आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से आप सब के साथ साझा कर रहा हूं।
यहूदी
यहूदियों की इस स्थान के प्रति मान्यता हैं की ये उनका पवित्र स्थान Temple Mount (मंदिर) हैं। यहूदी धर्म का ये सबसे पवित्र स्थान हैं। इस येरूशलम में यहूदी अपने प्राचीन धार्मिक स्थान Temple Mount की पुरानी बड़ी दीवार होने का दावा करते हैं और इस जमीन को वो यहूदियों का मुख्य स्थान भी बताते हैं। यहूदियों की मान्यता हैं की ईश्वर के आदेश से उनके पूर्वजों को Mesapotamia से आज के इजरायल में आना पड़ा। यहूदी धर्म की अवधारणा के अनुसार अब्राहम की संताने इसी जगह पर आके बसी थी ईश्वर के आदेश के बाद। जैकब के बेटे इजरायल के नाम पर इस देश का नाम
इजरायल रखा गया। इतिहास के अनुसार 1006 ईशा पूर्व किंग सोलोमन ने यहूदियों के मुख्य धार्मिक स्थल Temple Mount 1 का निर्माण करवाया था जो की ज्यादा समय तक नहीं रह सका। बाद में इसे मुसलमान आक्रांताओं द्वारा तोड़ दिया गया। इसके बाद 516 ईशा पूर्व फिर से उस मंदिर का निर्माण किया गया जिसे Temple Mount 2 कहा जाता हैं।
आज के समय में Temple Mount 2 की दीवार का हिस्सा बच्चा हुआ हैं जो यहूदियों के लिए प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। यहूदी धर्मावलंबी उसी दीवार के पास में प्रार्थना करते हैं।
इस्लाम
इस्लाम धर्म में तीन मुख्य धार्मिक स्थलों में से एक हैं येरूशलम इस्लाम में पहले नंबर पर आता हैं, मक्का, दूसरे पर आता हैं मदिना और इस्लाम धर्म का तीसरा प्रमुख धार्मिक स्थल हैं।
Al – Aqsa Mosque
Al – Aqsa मस्जिद जो येरूशलम के है विवादित जमीन पर हैं। इस्लामिक मान्यता के अनुसार इस जगह को हरम अल शरीफ कहा जाता हैं। इस्लामिक मान्यता के अनुसार 621 ईशा पूर्व पैगैम्बर मोहम्मद एक उड़ने वाले घोड़े जिसके पंख थे उस पर सवार होकर येरूशलम में इसी Al – Aqsa मस्जिद की जगह पर पांव रखा था।
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ईसाई
ईसाई धर्म भी इस जगह पर अपना अधिकार जताता आया हैं। इस पवित्र जगह के लिए इशाइयो और मुसलमानो में भी कई बार युद्ध हुए हैं और यहूदियों के साथ भी। इस येरूशलम की पवित्र जगह पर समय समय पर कभी इस्लामिक तो कभी रोमन तो कभी यहूदियों का राज रहा हैं परंतु ये जमीन हमेशा से ही विवादित रही हैं। ईसाई धर्म की अवधारणा के अनुसार ईशा मसीह ने इसी जगह पर उपदेश दिया था। ईशा मसीह को सूली पर इसी येरूशलम में लटकाया गया था।
इजरायल का धार्मिक रुख इस जगह के प्रति कट्टर क्यों हैं??
यहूदी धर्म के अनुसार ये जगह उन्हें ईश्वर ने खुद रहने के लिए दी हैं। इस जगह पर उनका हक हैं और ये बात यहूदी लोगो ने संयुक्त राष्ट्र के सामने 1947 में इजरायल देश के निर्माण से पहले साबित की थी। इसे साबित करने के लिए यहूदियों ने अपने एक प्रमुख धार्मिक ग्रंथ हिब्रू बाइबिल Hibru Bible के उस लिखित पुरातन धार्मिक ग्रंथ के कथन का सहारा लिया जिसमे साफ साफ लिखा हुआ था की अब्राहम और ईश्वर के मध्य एक करार हुआ था जिसमें अब्राहम के वंशज Mesopotamia से आकर येरूशलम की पवित्र जगह पर बसेंगे। इस दलील को संयुक्त राष्ट्र संघ को भी मानना पड़ा और 1947 में फिलिस्तीन की जमीन पर एक नए देश इजरायल का गठन हुआ। इजरायल ने अपने गठन के बाद से ही काफी युद्धों का सामना किया हैं। इजरायल चारो तरफ इस्लामिक देशों से घिरा हुआ हैं और येरूशलम के कारण इन देशों से इजरायल के साथ युद्ध का माहोल बना रहता हैं।
Rocket Attack On Israel 2021
इस पवित्र जगह पर इस ताजा विवाद का मुख्य कारण है शेख जर्रा नाम की एक जगह जिस पर यहूदियों का मालिकाना हक है परंतु कुछ फिलिस्तीनी इस्लामपरस्त जो यहां किराए पर रहते थे वह उन्हें निकालने के एक कानूनन आदेश के विरोध के कारण यह सारा युद्ध का माहौल बना है। सन् 1876 में शेख जर्रा की जमीन पर यहूदियों और फिलिस्तीनी मुसलमानों के बीच एक करार हुआ था जिसमें यह लिखा गया था कि यह जमीन यहूदियों की मालिकाना हक की है और वे मुसलमान लोग वहां केवल किराएदार की हैसियत से रहते हैं। ताजा विवाद का मुख्य कारण है सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश जिसमें शेख जर्रा की जमीन से 6 फिलिस्तीनी परिवारों को जगह खाली करने का आदेश दिया गया है और इसी के विरोध में फिलिस्तीनी लोग इजराइल का विरोध कर रहे हैं और आतंकवादी हमले कर रहे हैं।
पिछले दो हफ्तों से इस मामले को लेकर यरूशलम में आंदोलन चल रहा है फिलिस्तीनी मुसलमान नेताओं का कहना है कि इसराइली सरकार नस्लीय सफाई करना चाहती है। 10 मई को अल अक्सा मस्जिद में इजराइली फॉसेज ने कार्यवाही की, इजराइल का दावा है कि “10 मई को इजरायल दिवस होने के कारण वे लोग झंडा रैली की तैयारियों में व्यस्त थे अल अक्सा मस्जिद के पास वाली सड़क से जब इजराइल पुलिस का काफिला गुजर रहा था तो अल अक्सा मस्जिद में इबादत करने आए हुए लोगों ने इजराइली फोर्स पर पत्थरबाजी की जिसके बाद इजराइली फोर्स ने अल अक्सा मस्जिद के अंदर घुस कर कार्यवाही की और अल अक्सा मस्जिद को अपने कब्जे में ले लिया” इजराइली दिवस के दिन इजराइल के अंदर फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास की तरफ से रॉकेट दागे गए जिनमें कुछ लोगों की जान भी गई और कई घायल भी हुए।
Partion Resolution के बाद से यह जगह दो टुकड़ों में बंट चुकी है एक हिस्सा फिलिस्तीन नेशनल अथॉरिटी के कंट्रोल में है और दूसरा हिस्सा हमास के कंट्रोल में है जिसे इजराइल एक आतंकवादी संगठन मानता है। पिछले दिनों इजराइल पर हुए रॉकेट हमले का जिम्मेदार भी हमास ही है। हमास की अवधारणा है कि इजरायल इस पूरी जगह पर कब्जा करना चाहता है और अन्य धार्मिक मान्यता वाले लोगों को इसमें आने के लिए प्रतिबंध करने वाला है इजरायल और फिलिस्तीन के बीच हो रहे विवाद का मुख्य कारण हमास और फिलीस्तीन के बीच आपस का बैर ही मुख्य कारण है।
इजराइल का रुख आतंकवाद को लेकर हमेशा से ही कड़ा रहा है इजराइल ने हमेशा आतंकवाद और आतंकवाद समर्थित देशों का विरोधी किया है और इसका मुख्य कारण है इजराइल का इस समस्या से खुद जूझना क्योंकि इजराइल चारों तरफ से इस्लामिक देशों से घिरा हुआ है और यरूशलम की पवित्र जगह के कारण इजराइल पर हमेशा दबाव बना रहता है।
Israel Attack On Palestine
फिलिस्तीन के मुसलमानों का दावा है कि इजरायल शेख जर्रा की जमीन पर अवैध कागजात बनाकर वहां पर बसे हुए पुराने फिलिस्तीनी मुसलमानों को निकालकर उस जमीन पर कब्जा करना चाहता है। इजराइल का दावा है कि यह जमीन उनके पुरखों की है और इस जमीन पर उनका मालिकाना हक है और इस बात को इजरायल ने कोर्ट में साबित भी किया है हमास ने इस घटना के बाद इजराइल के खिलाफ युद्ध का एलान कर दिया है बीते 10 मई को हमास ने इजराइल के ऊपर रॉकेट से हमला किया जिसमें काफी लोग हताहत हुए अल अक्सा मस्जिद में हुई झड़प में 300 से ज्यादा फिलिस्तीनी घायल हुए और 9 से ज्यादा इजराइल पुलिस के जवान।
इजराइली फोर्सेज ने हमास के रॉकेट हमले का जवाब एयर स्ट्राइक से दिया है दोनों ओर से निरंतर रॉकेट हमले किए जा रहे हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ साफ शब्दों में हमास को चेतावनी दी है की इजराइली फोर्सेज आतंकवादियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देना जानती है और उन्होंने यह साबित भी किया है इजरायली फोर्सेज ने हमास के आतंकवादी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक करके उसके काफी आतंकवादी ठिकानों को बर्बाद कर दिया है।
Operation Guardian Of The Wall
इजराइली फोर्सेज ने ऑपरेशन गार्जियन ऑफ द वॉल का आगाज कर दिया है और हमास के आतंकवादियों को सैन्य शक्ति के द्वारा जवाब दिया जा रहा है फिलिस्तीन के मुसलमान इजराइल का हमेशा से ही विरोध करते रहे हैं उनका कहना है कि इजराइल को उनकी जमीन पर क्यों बसाया गया और आज यह उनके रहने की जमीन भी उनसे छीन रहा है परंतु इजराइल का दावा भी साफ है कि यह जमीन उनके पुरखों की है और इस पर इनका मालिकाना हक है।
पूरा संसार इस समय पर दो दलों में बटा हुआ नजर आ रहा है एक धड़ा इजराइल के समर्थन में है तो दूसरा फिलिस्तीन के समर्थन में हमास को कई अंतरराष्ट्रीय देशों के संगठन ने आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है विश्व के बड़े नेताओं ने दोनों देशों से शांति की अपील की है और यरूशलम में शांति बनाए रखने के लिए कहा है । ट्विटर पर दोनों देशों के समर्थन में हैश टैग चल रहें हैं। भारत में भी इसका असर देखने को मिल रहा हैं। भारत में पिछले कुछ दिनों से ये हैश टैग ट्रेंड में चल रहे हैं। में समर्थन करता हूं इजराइल का तो में समर्थन करूंगा हैश टैग #indiastandswithisrael का।
इजराइल इन आतंकवादियों को उनकी औकात दिखाना जानता हैं तो जल्दी ही इजरायल इस मसले को अपने दम पर सुलझा लेगा। इजराइल संघर्षों से बना देश हैं और इस देश के बासिंदो ने साबित कर दिया हैं की वो अपनी मातृभूमि के लिए कितने वफादार हैं।
The 6 Day War Changed Physical Situation Of Israel –
सन् 1967 में 6 दिन का युद्ध हुआ था जिसमें इजराइल ने जीत हासिल की थी और इस युद्ध के बाद इजराइल और फिलिस्तीन के भौगोलिक मायने बदल गए थे।
इजराइल के भौगोलिक क्षेत्र से लगता हुआ एक हिस्सा है गाजा और गाजा और इजराइल के मध्य में जमीन का एक टुकड़ा और है किसे कहा जाता है गाजा पट्टी इसी गाजा पट्टी के दोनों तरफ से इस समय पर रॉकेट दागने का खेल खेला जा रहा है गाजा पट्टी के उस तरफ है हमास और इस तरफ है इजरायल। इजराइली फोर्स ने इस समय पर यरुशलम के अंदर शक्ति बढ़ा दी है रमजान के इस पवित्र महीने में हिंसा, इन आतंकवादियों को मानसिकता को दर्शाता हैं।