Sanatan Dharma Kab Se Astitva Me hai??
भारत देश का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। पूरे विश्व में आज भी किसी ना किसी जगह पर सनातन धर्म से संबंधित सबूत मिलते आ रहे हैं, अगर पुरातन हस्तलिखित पुस्तकों और लेखों की माने तो सनातन सभ्यता विश्व की सबसे प्राचीनतम और उन्नत सभ्यता हैं।
Sanatan Sabhyata Ka Itihaas
जब पूरे संसार में किसी को खाना बनाना तक नहीं आता था लोग खानाबदोश का जीवन यापन करते थे।
उस समय में भारत के अंदर लोग फसल उगा कर अपना पेट खुद भरते थे। सनातन धर्म का पालन करने वाले लोगों ने इस संसार में अपने को जगह की भौगोलिक स्तिथि और वहां पर्यावरण के अनुसार ढाल लिया।
भारत की अगर भौगोलिक स्थिति की बात की जाए तो एक तरफ हिमालय की पर्वत माला है, जो भारत माता के सर के ताज के समान है तो दूसरी तरफ महासागर है, जो भारत माता के पैरों को निरंतर अपने शुद्ध पानी से चरण वंदना करता रहता है।
Shiv Tandav Stotram Ki Rachna Kisne Ki Thi??
भारत देश के अंदर प्राचीन काल से ही हमेशा से सनातन धर्म का पालन करने वाले लोगों का शासन रहा है चाहे वह प्रजा रही हो या राजा।
व्यक्तिगत दुर्गुण किसी में भी हो सकते हैं परंतु थे वो भी सनातन धर्म का पालन करने वाले।
उदाहरण के लिए आप भगवान राम के समय त्रेता युग में रावण के रूप में महापराकर्मी और अहंकारी राजा हुआ था। जिसने तीनो लोको के नाक में दम कर दिया था परंतु था तो वो भी महाकाल का भक्त ओर सनातन धर्म का पालन करने वाला। शिव तांडव स्तोत्र उसी रावण की रचना है।
रावण ने शिव तांडव स्तोत्र की रचना तब की थी जब वह भगवान महादेव की आराधना कर रहा था और उसी आराधना में उसने भगवान शिव को अपने शीष अर्पण कर दिए थे। इस हिंदुस्तान की पवित्र धारा पर हर एक प्राणी सनातन धर्म या आज के समय में हम जिसे हिंदू धर्म के नाम से जानते हैं उसी का पालन करते थे।
Sanatan Dharma And Other Religion’s
आज के समय में भारत में जितने भी अन्य धर्म है यह सभी बाद में विदेशी आक्रांताओ के आने के बाद में प्रचार प्रसार में आए हैं।
पूरे विश्व में धर्म एक मात्र एक ही है बाकी सब एक संप्रदाय या एक विचारधारा मात्र है। मैं किसी एक धर्म विशेष को लक्ष्य करके यह बात नहीं कर रहा हूं जबकि यह बात बिल्कुल सत्य है क्योंकि विश्व में एकमात्र धर्म सनातन धर्म ही ऐसा है जिसकी कोई प्रारंभिक तारीख नहीं है की किस साल के किस दिन ये धर्म अस्तित्व में आया था जबकि बाकी अन्य धर्म और उनके धार्मिक गुरु जिन्होंने इन धर्म और विचारधाराओं का पालन शुरू किया था।
उनका जन्म और मृत्यु का समय प्रमाण के साथ मौजूद है। जबकि इनके विपरीत सनातन धर्म में समय समय के ऊपर उन परमात्मा के अनेकों मानव अवतार जरूर हुए हैं परंतु परम अवतार परमात्मा के जन्म और मृत्यु का आज तक किसी को कोई पता नहीं है।
Kyo Hindu Dharma Or Hinduo Ko Target Kar Ke Apmaanit Kiya Jata Hai??
आज के समय में हिंदू धर्म को बहुत ही अपमानित किया जाने लगा है चाहे वह मीडिया के माध्यम से हो, या चाहे वह सोशल मीडिया के माध्यम से हो या फिर किसी धार्मिक द्वेष के कारण हो और कुछ हिंदू अपने धर्म का अपमान देखते हुए भी चुपचाप बैठे रहते हैं, हो सकता है वे लोग वामपंथी विचारधारा के हो परंतु अगर आप सनातन धर्म का पालन करते हैं तो आप में इतना ज्ञान तो होना चाहिए कि अपनी जन्मभूमि का अपमान अपने धर्म का अपमान सबसे बड़ा अपमान होता है और उसका प्रतिशोध आपको अवश्य करना चाहिए।
आप अपनी विचारधारा के कारण खुद को खुद को भी अपमानित ही कर रहे हैं धर्म के अपमान का विरोध ना करके।
Kyo Hindu Festival’s Ko Target Kiya Jata Hai??
मैंने काफी समाचार पत्रों और मीडिया चैनलों में भी देखा है कि कोई भी हिंदू धर्म से संबंधित त्योहार पास में आते ही यह लोग उसके कोई ना कोई नुकसान बताने लग जाते हैं चाहे वह महाशिवरात्रि के ऊपर शिव जी के दुग्ध अभिषेक में काम में लिए गए दूध से संबंधित हो या फिर होली और दीपावली के ऊपर रंग और पटाखों से संबंधित।
पटाखों से मानता हूं कि पर्यावरण प्रदूषण होता है परंतु यह अगर इतने ही ज्यादा पर्यावरण हितैषी हैं तो उस समय पर कहां गायब हो जाते हैं जब ईद के समय में खुलेआम बकरों को और बाकी जानवरों को काटा जाता है और उनके खून से सड़कें और गलियां लाल हो जाती है, तब इनका पर्यावरण और जानवरों के प्रति प्रेम कहां गायब हो जाता है??
मैंने पिछले साल गुजरात के 1 बड़े शहर के अंदर PETA का एक विज्ञापन देखा था जो कि रक्षाबंधन से संबंधित था और उसमें दर्शाया यह गया था कि रक्षाबधन के पावन पर्व पर हिंदू जानवरो को मार कर उनके चमड़े का प्रयोग करते हैं।
एक गाय की फोटो लगाकर कि “आप चमड़े का उपयोग ना करें इस रक्षाबंधन के ऊपर”, तो मुझे यह नहीं समझ में नही आया कि रक्षाबंधन के ऊपर कब से हिंदू धर्म को मानने वाले चमड़े का उपयोग करने लग गए??
वह भी राखी के त्यौहार में, राखी तो एक प्रेम का त्यौहार है जो भाई और बहन के प्रति प्रेम का प्रतीक है, और इसमें रेशम के धागों से बनी रखी का ही प्रयोग किया जाता है ना कि कोई चमड़े का।
Kyo Advertisement Or Film’s Me Hinduo Ko Nicha Dikhaya Jata Hai?
लोग हिंदू धर्म को टारगेट करके विज्ञापन कैसे लगा सकते हैं??
बाकी अगर राजनेताओं की बात की जाए तो समय समय के ऊपर इनके भी विचार बदलते रहते हैं अगर हिंदू धर्म से संबंधित कोई त्यौहार है या फिर कोई और कार्य है तो इनका कुछ ना कुछ पर्यावरण प्रेम से संबंधित भावनाएं जाग जाती है।
जबकि बाकी अन्य धर्म के लोग खुलेआम जानवरों को काट कर खा रहे हैं उसे पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता?? जो लोग जानवरो के मरने के बाद उनका चमड़ा प्रयोग में लेने के लिए उसे गलाते हैं और गलाने के बाद निकलने वाले गंदे पानी को नदियों में छोड़ते हैं तो उससे पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता??
गंगा नदी को गंदा किसने किया है?? यमुना को किसने किया है??
Politicians On Hindu Dharma
उसमें हमारा भी हाथ है औरों का भी है। इसमें हमारा भी हाथ है और इन चमड़े वालों का भी है बाकी अगर बात की जाए इन राजनेताओं के बयानों की तो यह भी समय के साथ बदलते रहते हैं।
कभी यह हिंदू धर्म का पालन करने वाले ब्राह्मण बन जाते हैं तो कभी इस्लाम को मानने वाले मौलवी बन जाते हैं,मतलब जब चुनाव आते हैं तभी इन्हे हिंदू धर्म याद आता है बाकी समय के ऊपर तो हिंदू धर्म और जो भारत के अंदर रहने वाले हिंदू इनके लिए बस इनकी कमाई का जरिया मात्र है।
इन राजनेताओं की कमाई जनता को मूर्ख बना कर ही होती है और हम मूर्ख हैं जो इन को बढ़ावा देते हैं अगर आप अपने धर्म को आगे रखकर उसका सम्मान करके धर्म के बताए गए निर्देशों के अनुसार चलते हुए अपने जीवन का यापन करें तो उससे आपको कोई नुकसान तो होगा नहीं जबकि हो सकता है, बेहतर परिणाम के रूप में आपका जीवन पहले से और ज्यादा सुचारू रूप से चले और आप और ज्यादा सुखी रहे,
परंतु नहीं हमें तो धर्म से कोई मतलब ही नहीं है।
हमारे धर्म का कोई अपमान करें हम सहन कर लेंगे परंतु अगर कोई बाकी किसी धर्म का कोई अन्य भी अगर अपमान कर दें तो हम खुद के लोगो के विरोध में ही खड़े हो जाएंगे कि आपने इस धर्म का अपमान क्यों किया??
Kyo Hindu Khud Ke Dharma Ka Apmaan Karte Hai??
भाई क्यों जब अपने धर्म के बारे में नहीं बोलते तो उधर जाकर आपके क्या उंगली होती है कि आप वहां पर जाकर बोलते हो।
जब अपने धर्म के ही नहीं हो सके किसी और धर्म के क्या हो जाओगे??
वह लोग अपने धर्म या विचारधारा उसके प्रति कट्टर समर्थित है, परंतु हम लोग किसी के भी बहकावे में आकर अपने ही धर्म की व्याख्या को बदलकर उसका अपमान करते हैं।
Kya Hindu Dharma Me Majar Ki Pooja Manya Hai??
आज के समय में जब मैं देखता हूं कि लोग जो हिंदू है वो मजारों की पूजा करते हैं।
हिंदू धर्म के अंदर कहा जाता है कि जिसक दफनाया जाए वह पूजा योग्य नहीं है, परंतु आज के समय में लोग इन्हीं दफनाए गए लोगों को भगवान बना कर पूजते हैं चाहे वह साईं बाबा (चांद मियां) हो या फिर अजमेर का महमूद गजनवी के द्वारा भेजा गया उसका सेनापति मोइनुद्दीन चिश्ती हो या फिर गजनवी फकीर(गाजी बाबा) हो, परंतु फिर भी लोग इन चीजों को समझते नहीं हैं कि हिंदू धर्म के अंदर दफनाने वाले को पूजा योग्य नहीं माना जाता है।
उसकी पूजा नहीं की जाती है फिर भी यह लोग इन मजारों के ऊपर जाकर अपना मत्था फोड़ते हैं और अपने हजारों लाखों रुपए बर्बाद करते हैं और फिर बाद में वही हजारों लाखों इनके करोड़ बनते हैं और वही करोड़ फिर भारत के विरोध के अंदर काम में लिए जाते हैं।
अब लोगों को समझना खुद से ही होगा क्योंकि आप एक-एक को तो घर में जाकर समझा नहीं सकते नहीं यह संभव भी नहीं है, परंतु अगर आप अभी भी अपनी आने वाली पीढ़ी को अपने धर्म और उसकी विचारधारा का पालन करना सिखाए।
सनातन धर्म के संस्कारों को अपने बच्चो को सिखाएं तो उस चीज का फर्क आगे दिखेगा। पिछले कुछ सालो मे देश की कुछ जनता जागरूक होने लगी है। लोग इन चीजों के खिलाफ आवाज उठाते हैं और अच्छी बात है।
Hinduo Ko Kayar Kya Shabit Karne Ki Koshish Ki Jaati Hai??
कुछ चंद हिंदुओ की नपुंसक सोच के कारण पूरे हिंदू धर्म को लोग कायर साबित करने में लग जाते हैं। ये लोग हमारे धर्म और परंपराओं का अपमान करते हैं और हम लोग चुप बैठे रहते हैं। धर्म और मातृभूमि के अपमान पर आवाज उठानी भी चाहिए क्योंकि अगर हम उन चीजों का विरोध नहीं करेंगे तो यह हम पर हावी होते जाएंगे। इन्हें लगेगा कि हम कायर हैं जबकि नहीं, हिंदू कायर नहीं होते हैं हिंदू सहिष्णू होते हैं।
Kyo Haldighati Ke Yuddh Me Maharana Pratap Ko Hara Hua Bataya Gaya??
सहिष्णु और कायरता में फर्क होता है। हमे कायर कहने वालों को हमने जवाब हर एक युद्ध में दिया है चाहे वह हल्दीघाटी का युद्ध हो जिसमें अकबर की सेना को महाराणा प्रताप ने धूल चटाई थी।
जिसे बाद में इन्हीं मुगलों के वंशज जो आज हिंदू बनके घूम रहे हैं उन्होंने इतिहास में फेरबदल करके महाराणा प्रताप जी को हारा हुआ बताकर अकबर को उस युद्ध में जीता हुआ बताया और आज यह साबित हो चुका है कि उस युद्ध को महाराणा प्रताप ने जीता था ना कि अकबर ने।
अकबर ने तो खुद आईने अकबरी नामक अपनी एक जीवन गाथा मैं बताया है कि उसे रात को सपने में भी महाराणा प्रताप दिखते थे। जब महाराणा प्रताप की मृत्यु हुई थी तब अकबर ने भी उनकी मृत्यु पर शोक प्रकट किया था और कहा था कि “संसार से आज एक महावीर चला गया” परंतु फिर भी इन राजनेताओं ने देश को बांटने के चक्कर में देश के इतिहास के साथ ही फेरबदल कर दिया गया।
भारत के गौरवशाली इतिहास को मिटाकर पुस्तकों के अंदर बच्चों को कुछ और ही सिखाया गया जिसके कारण ही आज यह जो वामपंथी विचारधारा है वह प्रकट हुई है। संस्कारों में अगर बचपन से इन्हें हमारे गौरवशाली इतिहास के बारे में पढ़ाया जाता या बताया जाता तो आज हो सकता है जो हरकत यह लोग करते हैं वह हरकते नहीं करते।
Kya Hindu Dharma Me God Se Direct Connect Ho Sakte Hai??
मैं मानता हूं की कि जो इंसान सनातन धर्म का पालन करता है और उन सनातन धर्म के अंदर दिए गए धर्म आदेशों का पालन करता है उसकी व्यक्तिगत समर्थता किसी भी कार्य को करने की या फिर किसी चीज को समझने की बाकी लोगों से थोड़ी अधिक होती है क्योंकि हमारे धर्म में हमें योग के द्वारा ईश्वर से सीधे जुड़ना सिखाया गया है। हममें अगर इतना सामर्थ्य है, इतनी शक्ति है, इतना तपोबल है कि हम ईश्वर की शक्ति को उनके उस प्रचंड पावन प्रकाश को सहन कर सकें??
तुम योग के द्वारा उस चीज को हासिल कर सकते हो, उस समर्थ्यतता को प्राप्त कर सकते हो और आज भी हजारों लाखों साधु ऐसे हैं जो कहीं ना कहीं पहाड़ों की गुफाओं में या किन्हीं बर्फीली गुफाओं के अंदर बैठे हुए तपस्या कर रहे हैं।अपने तपोबल के प्रभाव से ईश्वर का दर्शन करके इस धरती को धन्य कर रहे हैं।
Kyo Kailash Mansarovar Ko China Ko Diya Gaya??
भारत के अंदर शासन में रही पुरानी सरकारों ने अपने व्यक्तिगत निजी फायदे के कारण कैलाश पर्वत जैसे धार्मिक मान्यता वाले और जन्मभूमि भारत की भूमि को पड़ोसी दुश्मन देश चीन को बेच कर भारत माता और उस गौरवशाली सनातन धर्म का अपमान किया है, परंतु फिर भी मूर्ख लोग उसी परिवार को इस देश का कर्ताधर्ता बनाकर बैठे हुए हैं।
जबकि इस परिवार से ज्यादा आज तक देश को किसी और ने लूटा ही नहीं यह ना तो हिंदू है ना यह देश भक्त हैं और यह चीज ये लोग खुद साबित करते हैं समय समय के ऊपर अपनी हरकतों से, चाहे वह बाटला हाउस एनकाउंटर पर कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी का रोना हो या फिर राहुल गांधी का किसी आतंकवादी सरगना को जी लगाकर पुकारना हो ऐसी कुछ और भी हरकतें हैं, जो यह खुद साबित करते हैं कि हां हम देश हित के अंदर तो काम कभी कर नहीं सकते और ना ही सनातन धर्म का पालन करते हैं।
यह इसी परिवार का कृत्य था जिन्होंने रामायण और भगवान राम को भी सुप्रीम कोर्ट में काल्पनिक सिद्ध करने की कोशिश की थी क्योंकि इनको रामसेतु के नीचे मिले अताह यूरेनियम के भंडार का किसी विदेशी कंपनी से सौदा करना था।
रामसेतु के अंदर मिले यूरेनियम से वैज्ञानिकों का अनुमान है कि लगभग डेढ़ सौ सालो तक परमाणु बम बनाए जा सकते हैं। इस बात से आप खुद अंदाजा लगा सकते हो कि यह लोग कितना गिर सकते हैं।
हिंदू धर्म का सम्मान तो इन लोगों ने कभी किया ही नहीं और में केवल एक राजनेतिक परिवार की बात नही कर रहा हूं बाकी भी ऐसे बहुत से हैं जिन्हें खाली चुनाव के समय के ऊपर याद आता है कि देश के अंदर हिंदू भी रहते है।
Hindu Dharm Me Jaati Vyavstha Kya Shuruaat Se Thi??
चाहे वह बसपा की मायावती हो चाहे वह सपा का अखिलेश यादव हो चाहे कोई और हो। कोई ब्राह्मण सम्मेलन कर रहा है तो कोई यादवों का सम्मेलन कर रहा है किसी जगह पर कोई राजनेता राजपूतों को इकट्ठा करके हुंकार भर रहा है तो किसी जगह के अंदर कोई जाट नेता जाटों को इकट्ठा करके हुंकार भर रहा है। हिंदू धर्म को जातियों के अंदर बांटकर इन राजनेताओं ने वह जहर घोला है जो कभी मुगल भी नहीं घोल पाए थे हिंदू धर्म के अंदर कभी जातियां हुआ ही नहीं करती थी हिंदू धर्म हमेशा कर्म आधारित व्यवस्था के ऊपर चलता था।
सनातन धर्म में चार वर्ण होते थे।
1 ब्राह्मण
2 वैश्य
3 क्षत्रिय
4 शूद्र
सनातन धर्म में जन्म लेने से कोई उसी वर्ण का नहीं हो जाता था उसके लिए उसे कर्म करने पड़ते थे।
जैसे भगवान महर्षि वाल्मीकि जी ने एक शुद्र परिवार में जन्म लिया था परंतु वह महर्षि हुए ओर ब्राह्मण वर्ण के अंदर गिने जाते हैं ऐसे ही और भी बहुत से साधु है बहुत से महर्षि हैं।
महर्षि वेदव्यास जी हैं जो एक दासी के गर्भ से पैदा हुए परंतु ब्राह्मण वर्ण में गिने जाते हैं वर्ण और कर्म यह कुछ सोच समझ कर बनाई गई व्यवस्था थी जिससे एक सामाजिक व्यवस्था सुदृढ़ रूप से चल रही थी परंतु मुगलों के आने के बाद और विदेशी आक्रांताओं के आने के बाद भारत में जाती व्यवस्था अस्तित्व में आई जिसे बाद में अंग्रेजो के समय में और ज्यादा बढ़ावा मिला।
Bharat Par Videshiyo Or Muglo Ne Kese Shashan Kiya??
भारतीयों में आपस में एकता की कमी भारत की हमेशा से कमजोरी रही है यह लोग आपस में लड़ते हैं और इसी चीज का लोग दूसरे लोग फायदा उठाते हैं चाहे वह मुगल आक्रांता हो चाहे विदेशी आक्रांता हो चाहे वह ब्रिटिश हो सब ने भारत के अंदर फूट डालकर राजनीति की है।
भारत हमेशा से संपन्न देश रहा है परंतु इस देश को इतना लूटा गया है फिर भी आज यह देश उसी गौरव से इस संसार के अंदर अपना अस्तित्व बना के रखे हुए हैं और फिर से विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। हम आशा करते हैं कि हम जल्दी ही उस मुकाम तक पहुंच जाएंगे अगर हम निरंतर देश हित के अंदर काम करते रहे देश में तकनीक को बढ़ावा दें। स्वदेशी व्यवसायियों को व्यवसाय बढ़ाने का मौका दें।
हमें इसी नीति के ऊपर काम करते हुए अपने देश को फिर से सुदृढ़ व्यवस्था में लेकर जाना है जो पिछले कुछ एक डेढ़ साल से होना महामारी के कारण अव्यवस्थित हो गया है और इसके लिए अकेले सरकार कुछ नहीं कर सकती चाहे वह सरकार भाजपा की हो या कांग्रेस की हो।
सरकार बस एक सुगम तरीके से व्यवस्था बनाकर बजट लाकर थोड़ा व्यवस्थित करने की कोशिश कर सकती है परंतु उसके लिए काम तो हमे ही करना पड़ेगा।
जब काम हम नहीं करेंगे तो काम होगा कैसे?? हमें अपने लोगों को ज्यादा बढ़ावा देना होगा।
भारत के व्यवसाई हैं, उनको मौका दो और हां जो आपके धर्म का अपमान करें उनको कभी नहीं।
जो आपकी मातृभूमि का अपमान करें उनको कभी नहीं।
अपना सम्मान हमेशा बनाकर रखी और वसुधैव कुटुंबकम की सौम्या विचारधारा का पालन करते रहे।
जय हिंद जय भारत