आज के समय में भारत में किसी को भी देख लो जिसको थोड़ा सा लाइमलाइट मे आना होता है वो हिन्दू धर्म ओर भारत की प्राचीन सभ्यता कि ओर आंख उठा देता है या फिर कुछ भी उल्टा सीधा बोल देता है, राजनैतिक पार्टियों ने ये हालत बना दिए हैं कि लोग ये भूल जाते हैं कि हिंदू धर्म विश्व का सबसे प्राचीन धर्म हैं जो कि धरती के उद्भव के साथ से ही सुरु हुआ है जब से जीवन इस धरती पर हैं इस ब्रह्माण्ड में हैं तब से सनातन धर्म हैं। आज समय एसा आ चुका है कि 1500 साल पहले उपजे एक धर्म को आज सनातन धर्म से भी ऊपर बना दिया गया है तो उसका अपमान करते हैं ताकि वो लाइमलाइट मे बने रह सके।
हिन्दू कोई चींटी नहीं हैं जो तुम कुचल के चाले जाओगे ये प्रलय का को तूफान हैं जों आने से पहले सब कुछ शांत कर देता है फिर एक साथ आके चारो तरफ तबाही का मंजर फैला देता हैं।
हिन्दू एक शांत धर्म हैं जिसका मुख्या उद्देश्य ही परोपकार हैं की “खुद भी जिओ ओर दूसरे को भी जीने दो।”
मैँ इस दुनिया एक हर एक धर्म के आकाओं को चुनौती देता हूं जो ये साबित कर सके की क्या दुनिया में ऐसा कोई ओर धर्म हैं जो हिन्दू धर्म जितना उदार हो, जिसमे इंसानियत कूट-कूट के भरी है, हिन्दू धर्म की नीतियां विश्व प्रसिद्ध है ओर इसमें सम्मिलित युद्ध नीति पूरे विश्व की सबसे प्राचीन नीति हैं।
संस्कृत पूरे विश्व की प्रथम भाषा हैं हर भाषा किसी न किसी रूप से संस्कृत से अवश्य जुड़ी होती हैं हर भाषा में काफी सारे शब्द सीधे संस्कृत भाषा से लिए गए हैं।
Sanatan Dharma ??
आज के समय में कुछ वामपंथी लोग सनातन धर्म पर सवाल उठाते हैं की हिन्दू धर्म में जानवरो को भी पूजा जाता हैं या फिर मूर्ति पूजा की जाती हैं, उन मूर्खो के लिए एक सवाल ?? क्या कभी हिन्दू धर्म के बारे में कुछ जानने की कोसिस की है ?? कभी वेद और पुराण पढ़े हैं ?? कुछ राजनेता वोटो की राजनीती के चक्कर में हिन्दू धर्म का अपमान करते हैं या फिर चुनाव पास में आते ही खुद को हिन्दू शाबित करने का दिखावा करने लग जाते हैं
आजकल कुछ पाखंडी खुद को साधु बताकर मासूम माताओ बहनो के साथ छल करते हैं जबकि वास्तव में साधु नहीं साधु के वेश में चोर होते हैं, इस बारे मे भगवान् श्री कृष्ण जी ने गीता में कहा भी हैं की कलियुग में ठग साधु के रूप में जगविख्यात होंगे और जो वास्तव में साधु होंगे वो अपने ईश्वर की भक्ति में मगन रहेंगे उन्हें दुनियादारी से कोई मतलब नहीं होगा
What Is Sanatan Dharma??
आज के समय में काफी लोगो के सनातन धर्म के बारे में अलग अलग मत होते हैं परन्तु आधे से ज्यादा लोगो को ये पता नहीं हैं की पुरे संसार में धर्म एकमात्र एक ही हैं वो हैं ” सनातन धर्म या हिन्दू धर्म ” बाकि इसके आलावा जो भी धर्म के बारे में आप लोग जानते हैं या समझते हैं वो सभी कुछ लोगो द्वारा शुरू किये गए अलग अलग विचारधारा वाले लोगो का एक समूह हैं ना की धर्म
सनातन धर्म के आलावा दुनिया के हर एक धर्म की शुरुआत की कोई तारीख या साल या समय के बारे में ज्ञात हैं परन्तु हिन्दू धर्म जब से इस पृथ्वी का उद्भव हुआ हैं तब से हैं और इसके अस्तित्व को कोई नकार नहीं सकता हैं आज के समय में दुनिया के हर एक कोने से हिन्दू धर्म के बारे में जानकारिया मिल रही हैं किस देश में खुदाई में तो किसी देश की सभ्यता में
सनातन धर्म किसी से वेर रखना नहीं सिखाता हैं ये तो इंसान को सही रस्ते पर चलकर मोक्ष प्राप्ति का मार्ग दिखता हैं
कई लोगो के मन में सवाल होता हैं की ” Who Is The Founder Of Sanatan Dharma?? ” और ये सवाल काफी बार मीडिया वाले या फिर ये वामपंथी लोग भी पूछते रहते हैं
तो बात भाइयो ऐसी हैं की जिसको इंसान ढूंढे या बनाये उसका फाउंडर उसे कहा जा सकता हैं परन्तु जो इंसान की और विज्ञानं की सोच से भी ऊपर हो वो ही Sanatan Dharma हैं
Sanatan Dharma के नियम क्या होते हैं इस बारे में भी काफी लोग सवाल करते रहते हैं, दुसरो की सहायता करना ही सनातन धर्म का नियम हैं अगर आप किसी योग्य व्यक्ति की सहायता करते हैं जिसे वास्तव में सहायता की आवश्यकता हो तो उससे बड़ा कोई धर्म नहीं हैं एक कहावत भी इस बारे में हमारे बड़े बुजुर्ग हमें कई बारे सुनते रहते हैं ” परहित सरिस धर्म नहीं भाई” अर्थात दुसरो की सहायता करने से बड़ा धर्म इस संसार में कोई दूसरा नहीं हैं और ये बात आपको सनातन धर्म के आलावा कोई दूसरा धर्म कभी नहीं कहेगा
सनातन धर्म वैज्ञानिक हैं इसका उद्धरण भी कई तरीको से आप समझ सकते हैं अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने संसार मो २० वि शताब्दी में आकर बताया हैं की पृथ्वी से सूर्य की दुरी कितनी हैं परन्तु हिन्दू धर्म में हनुमान चालीसा में आज से हजारो साल पहले ही इस बारे में बता दिया गया था हनुमान चालीस में एक लाइन आती हैं “जग सहस्त्र योजन पर भानु” अगर इस हिंदी गणितीय संख्या को अंको में बदला जाये तो ये एक्सएक्ट वही दुरी हैं जो नासा ने अपने यंत्रो के माध्यम से शाबित की हैं
Sanatan Dharma Books
सनातन धर्म में संसार में आवश्यक हर एक चीज की जानकारी आज से हजारो साल से पहले से दी गयी हुयी हैं जो की ऋषियों मुनियो द्वारा लिखे गए धार्मिक ग्रंथो में आज भी प्रमाणित रूप से लिखी हुयी हैं
क्यों अंग्रेजो के सारे वैज्ञानिक अविष्कार उनके भारत में आने के बाद ही हुए हैं उससे पहले तो उन्होंने कोई अविष्कार नहीं किये थे अचानक से उनको भारत आने के बाद इतना ज्ञान किस जगह से मिल गया ??
अगर किसी दिन चारो वेद और १८ महापुराण पढ़ लोगे न तब थोड़ा पता चलेगा की जिस धर्म का तुम लोग अपमान करते हो वास्तव में वही एलक धर्म हैं बाकि तो लोगो ने अपनी सहूलियत और आनंद प्राप्त करने के उद्देश्य से बनाये गए हैं
Swadharm Or Sanatan Dharm
स्वधर्म और सनातन धर्म में अंतर क्या हैं?? जैसा की इसके नाम से ही वर्णित हैं की स्व मतलब खुद , खुद के धर्म से तात्प्र्य हैं की स्वयं की जिम्मेदारी को निभाना, परिवार के प्रति अपने दायित्वों को निर्वहन करना
अगर इंसान खुद की जिम्मेदारियों को भी अच्छे से निभा सके तो वो भी कई लाख पून्यो के बराबर हैं
सनातन धर्म में कहा गया हैं की धर्म का आडम्बर मत करो. मतलब की दिखावा मत करो , और आज के समय में धर्मपालन के आलावा दिखावा ज्यादा हो रहा हैं लोग घर परिवार की जिम्मेदारियों से बचने के लिए बाबा बन जाते हैं परन्तु ईश्वर की भक्ति के लिए नहीं मुफ्त में ेशो आराम करने के लिए
आज के समय में धर्म का दिखावा लोग ज्यादा करते हैं और धर्म की पालना कम करते हैं कुछ महिलाये साध्वी बनने का आडम्बर करती हैं जो इंसान साधु बनने के बाद भी अपने शरीर का मोह करना नहीं छोड़ता वो भक्ति करने का दिखावा करता हैं भक्ति नहीं, पिछले कुछ समय से मेने सोशल मीडिया पर ऐसे ही कुछ कथित साध्वियों और साधुओ के वीडियो देखे जो अपने आपको हिन्दू धर्म का ठेकेदार समझते हैं परन्तु उनको खुद के बारे में हिन्दू धर्म के बारे में कोई ज्ञान नहीं हैं जो खुद को साध्वी कहती हैं उसने चेहरे पर नवयुवतियों की तरह मेकअप कर रखा था और होठो पर लिप्तस्टिक भी भाई ये किसी भक्ति हैं ?? ये पाखंड हैं जो ईश्वर की भक्ति करता हैं न उसे इन दिखावे की जरुरत नहीं पड़ती उनके चेहरे पर एक अलग ही तेज होता हैं ये वो कामचोर लोग हैं जो खुद की जिम्मेदारियों से भाग जाते हैं और दिखावा कर के पैसे कमा के खाते हैं
सनातन धर्म में कहा गया हैं की आपको दिखावा करने की जरुरत नहीं हैं अगर आप भगवान् को सच्चे और साफ़ मन से याद करेंगे तो असल में वही भक्ति हैं , जो कार्य दिखावे और स्वार्थ के लिए किया जाये तो उसको भक्ति नहीं आडम्बर कहते हैं
जो वास्तविक में साधु होते हैं उन्हें इस दुनियादारी से कोई मतलब नहीं होता वो लोग हिमालय की गुफाओ में अपने आराध्य की सेवा में लीन रहते हैं
जय श्री राम
Nice👌